इन 5 जजों ने दिया तीन तलाक पर ऐतिहासिक फैसला
पांच जजों की इस बेंच ने मुस्लिम महिलाओं की ओर से दायर की गई सात याचिका पर सुनवाई की जिसमें 1400 साल पुरानी इस प्रथा को चुनौती दी गई थी. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि तीन तलाक ‘इस्लाम का हिस्सा नहीं’ है. पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने दो के मुकाबले तीन मतों से दिए अपने फैसले में कहा कि तीन तलाक को संवैधानिक संरक्षण प्राप्त नहीं है. न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ, न्यायमूर्ति रोहिंटन फली नरीमन और न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित ने कहा कि तीन तलाक इस्लाम का मौलिक रूप से हिस्सा नहीं है, यह कानूनी रूप से प्रतिबंधित और इसे शरियत से भी मंजूरी नहीं है. वहीं, प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जे.एस. खेहर और न्यायमूर्ति एस. अब्दुल नजीर ने कहा कि तीन तलाक इस्लामिक रीति-रिवाजों का अभिन्न हिस्सा है और इसे संवैधानिक संरक्षण प्राप्त है.
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View In Appदेश के पांच सबसे वरिष्ठ जजों चीफ जस्टिस जेएस खेहर, जस्टिस कुरियन जोसेफ, जस्टिस रोहिंटन नरीमन, जस्टिस यू यू ललित और जस्टिस अब्दुल नजीर ने आज तीन तलाक पर ऐतिहासिक फैसला दिया. पांच जजों की बेंच में से तीन जजों ने इसे असंवैधानिक करार दे दिया. ऐसे में 3-2 के अनुपात के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को खत्म कर दिया. मुस्लिम महिलाओं के हक में ये ऐतिहासिक फैसला देने वाले इन पांच जजों के बारे में देश को जरुर जाना चाहिए. ये पांच जज देश के अलग-अलग धर्म और समुदाय से आते हैं जिन्होंने इस बेहद गंभीर मु्द्दे पर मुस्लिम महिलाओं की स्थिति बदलने वाला फैसला दिया है.
चीफ जस्टिस जेएस खेहरः सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस जेएस खेहर सिख समुदाय से आते हैं. 4 जनवरी 2017 से वह देश चीफ जस्टिस हैं और इनका कार्यकाल 27 अगस्त 2017 को खत्म हो रहा है.
जस्टिस अब्दुल नजीरः एस. अब्दुल नजीर मुस्लिम समुदाय से आते हैं. इन्होंने फरवरी साल 2017 में सुप्रीम कोर्ट के जज का कार्यभार संभाला. इससे पहले वह कर्नाटक हाईकोर्ट में जज रह चुके हैं.
जस्टिस रोहिंटन नरीमनः सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस रोहिंटन नरीमन पारसी समुदाय से आते हैं. जस्टिस नरीमन 2011 से 2013 के बीच सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया भी रह चुके हैं.
जस्टिस अब्दुल नजीरः एस. अब्दुल नजीर मुस्लिम समुदाय से आते हैं. इन्होंने फरवरी साल 2017 में सुप्रीम कोर्ट के जज का कार्यभार संभाला. इससे पहले वह कर्नाटक हाईकोर्ट में जज रह चुके हैं.
जस्टिस रोहिंटन नरीमनः सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस रोहिंटन नरीमन पारसी समुदाय से आते हैं. जस्टिस नरीमन 2011 से 2013 के बीच सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया भी रह चुके हैं.
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