अंतरजातीय विवाह करने पर राज्य सरकारें देती हैं 50 हजार से पांच लाख तक, यहां है पूरी डिटेल्स
जात-पात को खत्म करने की दिशा में बेहद महत्वपूर्ण कदम उठाने वाले देश के संविधान निर्माता डॉ भीमराव अंबेडकर कहा करते थे कि अगर इस देश से जाति व्यवस्था खत्म करनी है तो अंतरजातीय विवाह और अंतरजातीयखान-पान को बढ़ावा देना होगा. आजादी के 70 साल बाद भी भारत जैसे घोर जातीवादी समाज देश में दो अलग-अलग जातियों के बीच शादी करना एक बेहद चुनौतीपूर्ण काम है. लोग अपनी तथाकथित शान के खातिर अपने बेटे-बेटियों की हत्या तक कर देते हैं लेकिन उनकी शादी नहीं होने देते हैं.
अंतरजातीय विवाह का लेकर तमाम जागरुकता अभियान करने के बाद भी लोग सड़े हुए तालाब रुपी जातिगत जाल से नही निकल पा रहे हैं जो कि वास्तव में अमानवीय और अव्यवहारिक है. लेकिन आपको ये जान कर खुशी होगी कि केन्द्र सरकार ने अंतरजातीय विवाह को बढ़ावा देने के लिए कई सारी योजनाएं लेकर आई है जिसके तहत शादी करने पर आपको काफी पैसे मिल सकते है. यह राशि अलग-अलग राज्यो में 50 हजार ले कर पांच लाख रुपये तक की है.
डा. अबेडकर फाउंडेशन योजना द्वारा एक साल में कुल 500 अंतरजातीय जोड़ियों को आर्थिक सहायता दी जाती है. इस योजना के तहत स्थानीय विधायक या सांसद राज्य सरकार के पास सिफारिश भेजते हैं जिसके बाद राज्य सरकार द्वारा सीधे फाउंडेशन के पास आवेदन भेजा जाता है.
इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए कई राज्य सरकारों ने अलग-अलग राशि देने का प्रावधान किया है. ओडिशा और बिहार सरकार अंतरजातीय विवाह करने वाली जोड़ी को एक लाख रुपये की राशि देती है. वहीं हरियाणा सरकार अनुसूचित जाति की पुरुष या महिला को गैर-अनुसूचित जाति में शादी करने पर एक लाख एक हजार रुपये की राशि देती है. इसी तरह हिमाचल प्रदेश सरकार इस तरह विवाह करने वाली जोड़ी को 75,000 रुपये देती है.
कर्नाटक सरकार अंतरजातीय विवाह में दूल्हन को तीन लाख और पति को दो लाख रुपये देती है. यह एकमात्र ऐसा राज्य है जो अंर्तजातीय शादी करने वालों को पांच लाख रुपये देता है. इसी तरह राजस्थान सरकार भी अंतरजातीय शादी करने वालों को पांच लाख रुपया देती है.
मध्यप्रदेश सरकार द्वारा इस योजना के तहत अंतरजातीय शादी करने वाली जोड़ी को दो लाख रुपया दिया जाता है. वहीं गोवा सरकार ने इस तरह विवाह करने वालों के लिए एक लाख रुपये की राशि निर्धारित की है.
इस योजना के तहत साल 2014-15 में 15,711 लोग और साल 2015-16 में 14,681 लोगों को लाभ मिला है. सरकार ने अनुमान लगाया है कि साल 2016-17 में लाभान्वित लोगों की संख्या 20,000 रहने की उम्मीद है. सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में लोग इस योजना के तहत लाभान्वित हुए हैं.
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की अंतरजातीय विवाह के लिए डा. अबेडकर फाउंडेशन योजना के तहत अंतरजातीय विवाह करने वालों को ढाई लाख रुपया दिया जाता है. इस योजना का उद्देश्य है कि देश में ज्यादा से ज्यादा अंतरजातीय शादियों को बढ़ावा दिया जा सके. यह फंड पूरी तरीके से अंतरजातीय विवाह के लिए समर्पित है.