आसमान का बादशाह 'व्हाइट स्वॉन' क्या है? जानें कैसे काम करता है दुश्मनों पर कहर बरपाने वाला रूस का खतरनाक तकनीक
ताज़ा रिपोर्ट्स के अनुसार, रूस ने इस परमाणु बम ले जाने में सक्षम विमान Tu-160 को अब अलास्का के पास चुकोटका क्षेत्र के अनादिर एयरबेस पर तैनात कर दिया है. हालांकि, इस तैनाती की आधिकारिक पुष्टि अभी तक नहीं हुई है लेकिन सैटेलाइट तस्वीरों से इसके संकेत मिले हैं. रूस की वायुसेना में इस जहाज को ‘व्हाइट स्वॉन’ कहा जाता है यानी शांति के आवरण में छिपा विनाश.
इस विमान को NATO देशों में ‘ब्लैकजैक’ नाम से जाना जाता है. यह आज भी दुनिया का सबसे भारी, तेज़ और अत्याधुनिक सुपरसोनिक बॉम्बर है. 1970 के दशक में सोवियत संघ ने इसे अमेरिकी B-1 लांसर के मुकाबले उतारा था.
इसकी लंबाई 54 मीटर और पंखों का फैलाव लगभग 56 मीटर तक जाता है. इसमें लगे 4 शक्तिशाली NK-32 इंजन 25 टन से ज्यादा थ्रस्ट देते हैं. इसकी अधिकतम गति Mach 2.2 है, जो आवाज की गति से दोगुनी है. बिना रीफ्यूलिंग के 12,000 किलोमीटर से ज्यादा दूरी तय कर सकता है.
इसकी सबसे बड़ी विशेषता है इसके वैरिएबल जियोमैट्री विंग्स जो उड़ान की स्थिति के अनुसार अपना आकार बदलते हैं. यह पारंपरिक और परमाणु हथियारों दोनों को ले जाने में सक्षम है.
इस बॉम्बर की लंबी दूरी और जबरदस्त हथियार क्षमता इसे आर्कटिक और NATO सीमाओं के पास तैनाती के लिए आदर्श बनाती है. रूस के लिए यह सिर्फ एक हथियार नहीं, बल्कि एक रणनीतिक शक्ति का प्रतीक है. हाल ही में कीव की वायुसेना ने आरोप लगाया कि रूस ने इसी विमान की मदद से मिसाइल और ड्रोन से एक बड़ा हमला किया, जिसमें 400 से अधिक ड्रोन, 6 बैलिस्टिक मिसाइलें और 38 क्रूज़ मिसाइलें दागी गईं.
यूक्रेन द्वारा किया गया छिपा हुआ अभियान ‘स्पाइडरवेब’ रूस के लिए गहरी चोट बन गया है. इस मिशन में FPV ड्रोन को आम ट्रकों में छिपाकर रूस की सीमा के भीतर एयरबेस तक पहुंचाया गया और अचानक हमला किया गया. इससे रूस के कई अहम और दुर्लभ विमान जैसे Tu-95, Tu-22M3 और A-50 गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गए.
गौर करने वाली बात ये है कि यह पूरा ऑपरेशन रूस की आंतरिक सुरक्षा एजेंसी FSB के एक क्षेत्रीय मुख्यालय के नज़दीक अंजाम दिया गया – जो दर्शाता है कि यूक्रेन अब रूस के सबसे सुरक्षित ठिकानों तक पहुंच बना चुका है.