सर्दियों में रूम हीटर बन सकता है खतरा! एक छोटी लापरवाही और लग सकती है आग, अभी जानिए क्या नहीं करना चाहिए
BIS के मुताबिक, रूम हीटर खरीदते समय सबसे पहले ISI सर्टिफिकेशन जरूर जांचना चाहिए. ISI मार्क यह साबित करता है कि हीटर को बिजली और मैकेनिकल सुरक्षा से जुड़े कई जरूरी टेस्ट से गुजारा गया है. इन टेस्ट का मकसद यह सुनिश्चित करना होता है कि हीटर इस्तेमाल के दौरान करंट या आग जैसे खतरों को न्यूनतम स्तर पर रखे. बिना ISI मार्क वाले हीटर देखने में सस्ते जरूर लग सकते हैं लेकिन वे आपकी सुरक्षा के लिए बड़ा जोखिम बन सकते हैं.
BIS की चेतावनी में यह भी साफ कहा गया है कि हीटर में ऑटोमेटिक कट-ऑफ प्रोटेक्शन होना बेहद जरूरी है. यह फीचर तब काम करता है जब हीटर जरूरत से ज्यादा गर्म हो जाए या गलती से गिर जाए. ऐसे हालात में हीटर अपने आप बंद हो जाता है जिससे आग लगने की आशंका काफी हद तक कम हो जाती है. हीटर खरीदते समय इस फीचर की मौजूदगी को नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है.
बहुत से लोग कमरे के साइज को नजर में रखे बिना ज्यादा या कम वॉट का हीटर खरीद लेते हैं. BIS के अनुसार, गलत पावर इनपुट वाला हीटर जरूरत से ज्यादा गर्म हो सकता है और बिजली की खपत भी बढ़ा देता है. इससे न सिर्फ बिजली का बिल बढ़ता है बल्कि आग लगने का खतरा भी पैदा हो जाता है. इसलिए हीटर की क्षमता कमरे के आकार के अनुसार चुनना बेहद जरूरी है.
सर्टिफाइड रूम हीटरों में सही अर्थिंग और अच्छी क्वालिटी का इंसुलेशन दिया जाता है. इससे शॉर्ट सर्किट और करंट लगने की आशंका काफी कम हो जाती है. BIS का कहना है कि बिना सर्टिफिकेशन वाले या लोकल हीटरों में यह सुरक्षा अक्सर नहीं मिलती जो घर के लिए गंभीर खतरा बन सकती है.
BIS ने उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे अनब्रांडेड और सस्ते लालच वाले हीटरों से बचें. हीटर इस्तेमाल करने से पहले उसकी वायर, प्लग और कॉर्ड की जांच जरूर करें. आपकी एक छोटी सी लापरवाही पूरे घर की सुरक्षा को खतरे में डाल सकती है. सही सेफ्टी फीचर्स वाला हीटर चुनकर आप सर्दियों में गर्माहट के साथ-साथ अपनों की सुरक्षा भी सुनिश्चित कर सकते हैं.