बच्चों के सोशल मीडिया इस्तेमाल को लेकर पैरेंट्स को ध्यान में रखनी चाहिए ये जरूरी बातें, यहां जानें कैसे रखें नज़र
बच्चों के सोशल मीडिया अकाउंट की प्राइवेसी सेटिंग्स सही तरीके से सेट करें. उनकी पोस्ट, फोटो और लोकेशन जैसी जानकारी केवल उन लोगों तक पहुंचे जो विश्वसनीय हों. इससे उन्हें ऑनलाइन धोखाधड़ी और अन्य खतरों से बचाने में मदद मिलती है.
आपको यह जानना जरूरी है कि बच्चा सोशल मीडिया पर क्या देख रहा है किनसे बातचीत कर रहा है. यह निगरानी सख्ती के बजाय समझदारी और संवाद के जरिए होनी चाहिए, ताकि बच्चा खुलकर अपनी बातें शेयर कर सके. डर नहीं, भरोसा ज़रूरी है.
बच्चों को घंटों तक मोबाइल या सोशल मीडिया का इस्तेमाल न करने दें. एक निश्चित समय निर्धारित करें जैसे दिन में एक घंटा—और बाकी समय पढ़ाई, खेल या परिवार के साथ बिताने के लिए प्रेरित करें. इससे उनका डिजिटल और रियल लाइफ में संतुलन बना रहेगा.
बच्चों को साइबर बुलिंग, ऑनलाइन फ्रॉड, और झूठी खबरों के खतरे के बारे में जागरूक करें. उन्हें समझाएं कि किसी अजनबी से निजी जानकारी साझा करना सुरक्षित नहीं है. उन्हें बताएं कि किसी भी स्थिति में सतर्कता रखना क्यों जरूरी है.
बच्चों के लिए एक ऐसा रूटीन बनाएं जिसमें पढ़ाई, डिजिटल एक्टिविटी और आराम तीनों के लिए पर्याप्त समय हो. इस संतुलित टाइम टेबल से बच्चे समय का महत्व सीखेंगे और सोशल मीडिया का सीमित व सही उपयोग करना जानेंगे.