क्यों इजरायल की ड्रोन तकनीक से थरथर कांपती है दुनिया, देखिए आखिर क्या है नतन्याहू के देश के पास ऐसा
यह छोटा-सा देश अपनी आधुनिक और घातक मिसाइल एवं ड्रोन तकनीक की वजह से पूरी दुनिया में एक बड़ी सैन्य शक्ति के रूप में देखा जाता है. इज़रायल की ये टेक्नोलॉजी इतनी उन्नत और प्रभावशाली है कि बड़े-बड़े देश भी इससे मुकाबला करने से पहले कई बार सोचते हैं.
इज़रायल दुनिया का सबसे बड़ा सैन्य ड्रोन निर्यातक है. उसके ड्रोन्स न केवल निगरानी करने में माहिर हैं बल्कि ये हमले करने में भी अत्यधिक सक्षम हैं. 'हारोप' (Harop) जैसे आत्मघाती ड्रोन किसी भी रडार स्टेशन या कम्युनिकेशन सेंटर को खोजकर उसमें टकराकर विस्फोट कर सकते हैं. वहीं 'हेर्मीस 900' जैसे ड्रोन लंबी दूरी तक उड़ान भर सकते हैं और दुश्मन की हर गतिविधि पर नजर रख सकते हैं.
इन ड्रोन्स की खासियत यह है कि ये बेहद शांत रहते हैं, रडार से बचकर उड़ सकते हैं और इनमें एआई तकनीक का भी इस्तेमाल होता है जिससे ये खुद निर्णय लेकर हमला कर सकते हैं. इज़रायल ने अपने ड्रोन सिस्टम को इतने उन्नत स्तर पर पहुंचा दिया है कि दुश्मन को पता ही नहीं चलता कि कब और कहां से हमला हुआ.
इज़रायल का 'Iron Dome' दुनिया की सबसे एडवांस्ड मिसाइल डिफेंस सिस्टम में से एक माना जाता है. यह सिस्टम रॉकेट, मोर्टार और छोटे मिसाइलों को हवा में ही मार गिराने में सक्षम है. आयरन डोम की सफलता दर 90% से भी अधिक है जो इसे अद्वितीय बनाती है.
जब भी किसी क्षेत्र से इज़रायल की ओर मिसाइल दागी जाती है तो आयरन डोम कुछ ही सेकेंड्स में उसे ट्रैक कर लेता है और जवाबी इंटरसेप्टर मिसाइल दागकर उसे हवा में ही खत्म कर देता है. ये तकनीक न सिर्फ आम नागरिकों की जान बचाती है बल्कि इज़रायल की सैन्य ताकत का अहम हिस्सा बन चुकी है.
इज़रायल ने न केवल ड्रोन और मिसाइल, बल्कि साइबर वॉरफेयर, इलेक्ट्रॉनिक जामिंग, एआई आधारित सर्विलांस और ऑटोनॉमस हथियारों में भी महारत हासिल की है. उसकी तकनीक इतनी सटीक है कि वो दुश्मन की हर चाल को पहले ही भांप लेती है और उसका तोड़ तैयार कर लेती है.