क्या 120W चार्जिंग आपकी बैटरी की दुश्मन? जानिए फास्ट चार्जर से क्यों फोन जल्दी हो जाता है खराब
स्मार्टफोन कंपनियां लगातार दावा कर रही हैं कि उनके फोन कुछ ही मिनटों में 0 से 100% चार्ज हो सकते हैं. सुनने में यह फीचर बेहद आकर्षक लगता है लेकिन असलियत यह है कि इतनी तेज चार्जिंग बैटरी को अतिरिक्त गर्मी और उच्च वोल्टेज के संपर्क में ला देती है. लगातार ऐसी चार्जिंग का इस्तेमाल बैटरी को जल्दी डिग्रेड करता है और कुछ महीनों बाद ही यूज़र बैकअप में गिरावट महसूस करने लगते हैं.
120W चार्जिंग बैटरी के भीतर मौजूद लिथियम-आयन सेल्स को तेज़ी से करंट पहुंचाती है, जिससे इलेक्ट्रोकेमिकल रिएक्शन अपेक्षा से कहीं तेज हो जाते हैं. यह प्रक्रिया बैटरी में अनावश्यक तनाव पैदा करती है और तापमान बढ़ाती है. गर्मी लिथियम बैटरियों की सबसे बड़ी दुश्मन मानी जाती है जैसे-जैसे तापमान बढ़ता है सेल्स की क्षमता घटती है और उनकी उम्र कम होती जाती है. कई परीक्षणों में यह पाया गया है कि हाई-हीट कंडीशन में इस्तेमाल की गई बैटरियों का डैमेज सामान्य इस्तेमाल की तुलना में 20 से 30 प्रतिशत अधिक होता है.
हर बैटरी की एक तय चार्जिंग साइकिल होती है जिसके बाद उसकी क्षमता धीरे-धीरे कम होने लगती है. अल्ट्रा-फास्ट चार्जिंग बार-बार बैटरी को अधिकतम चार्ज लेवल पर धकेलती है जो उसकी केमिस्ट्री के लिए आदर्श स्थिति नहीं है. इसका परिणाम यह होता है कि कुछ ही महीनों में बैटरी हेल्थ 90 प्रतिशत से नीचे गिरने लगती है और बैकअप पहले जैसा नहीं रहता.
अगर फास्ट चार्जिंग से बैटरी की लाइफ बचानी है तो कुछ आदतें बदलना जरूरी है. रोजमर्रा में हमेशा 120W चार्जिंग का इस्तेमाल न करें इसे केवल जरूरत के समय ही इस्तेमाल करें. सामान्य दिनों में धीमी गति वाले चार्जर से फोन चार्ज करना बैटरी के लिए अधिक सुरक्षित रहता है.
रातभर फोन को चार्जिंग पर न छोड़ें और चार्ज होने के दौरान गेमिंग या भारी ऐप्स से दूरी बनाए रखें. बैटरी को हमेशा 20 से 80 प्रतिशत के बीच रखना भी उसकी उम्र बढ़ाने में मदद करता है.