कैसे कटा हुआ सेब बन गया स्मार्टफोन जगत का सबसे बड़ा ब्रांड, जानिए क्या है इस डिजाइन का राज
Apple कंपनी की शुरुआत 1976 में कैलिफोर्निया के एक गैराज से हुई थी. स्टीव जॉब्स, स्टीव वॉज़निएक और रोनाल्ड वेन ने मिलकर इस कंपनी की नींव रखी. उस समय उनका लक्ष्य एक ऐसा पर्सनल कंप्यूटर बनाना था जिसे हर कोई इस्तेमाल कर सके. धीरे-धीरे कंपनी ने नए-नए प्रोडक्ट लॉन्च किए और 2007 में पहला iPhone आने के बाद Apple ने टेक दुनिया का पूरा खेल ही बदल दिया.
Apple का पहला लोगो आज के लोगो से बिल्कुल अलग था. इसे रोनाल्ड वेन ने डिजाइन किया था जिसमें न्यूटन को पेड़ के नीचे बैठे हुए दिखाया गया था और पेड़ से एक सेब गिर रहा था. लेकिन यह लोगो काफी जटिल था और आसानी से लोगों को याद नहीं रहता था. इसके बाद कंपनी ने 1977 में डिजाइनर रॉब जेनॉफ़ को नया लोगो बनाने का जिम्मा दिया.
रॉब ने जब लोगो डिजाइन किया तो उन्होंने एक साधारण सेब बनाया लेकिन उसमें हल्का-सा काटने का निशान जोड़ दिया. इसका कारण था कि सेब को किसी और फल जैसे चेरी या टमाटर से अलग दिखाया जा सके. यही साधारण सा ट्विस्ट लोगो को यूनिक और यादगार बना गया.
Apple का यह लोगो बहुत जल्दी कंपनी की पहचान बन गया. समय के साथ इसमें कलर और डिजाइन में बदलाव जरूर हुआ लेकिन कटा हुआ सेब हमेशा जस का तस रहा. यही डिजाइन आज लोगों के लिए क्वालिटी, लग्ज़री और प्रीमियम टेक्नोलॉजी का प्रतीक बन चुका है.
Apple ने अपने प्रोडक्ट्स की खूबसूरती, दमदार परफॉर्मेंस और खास यूजर एक्सपीरियंस के साथ इस लोगो को एक ब्रांड वैल्यू दे दी. नतीजा यह हुआ कि आज जब भी लोग कटे हुए सेब वाला लोगो देखते हैं, तो उन्हें भरोसा होता है कि यह प्रोडक्ट सबसे बेहतर होगा.
कटा हुआ सेब सिर्फ देखने में आकर्षक नहीं है बल्कि इसके पीछे गहरा संदेश भी छिपा है. एक थ्योरी के अनुसार, यह लोगो इंसान की ज्ञान की भूख और नई चीजों की खोज को दर्शाता है जैसे बाइबिल में आदम और हव्वा ने ज्ञान पाने के लिए सेब खाया था. वहीं कुछ लोग इसे ब्रिटिश वैज्ञानिक एलन ट्यूरिंग को श्रद्धांजलि मानते हैं जिन्होंने कंप्यूटर साइंस की नींव रखी थी और जहर खाकर आत्महत्या करते समय सेब का सहारा लिया था.
आज Apple सिर्फ एक कंपनी नहीं बल्कि एक लाइफस्टाइल ब्रांड बन चुकी है. इसके लोगो ने इसमें अहम भूमिका निभाई है. यह लोगो हमें याद दिलाता है कि कभी-कभी सबसे साधारण डिजाइन भी दुनिया की सबसे बड़ी पहचान बन सकता है अगर उसके साथ भरोसा और क्वालिटी जुड़ी हो.