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Google का तगड़ा ऑफर! अगर आपने कर दिया ये काम तो मिलेंगे 26 लाख रुपये, जानिए पूरी जानकारी

एबीपी टेक डेस्क   |  08 Oct 2025 07:43 AM (IST)
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यह पहल गूगल के पुराने Vulnerability Reward Program का ही विस्तार है लेकिन इस बार फोकस खास तौर पर AI तकनीक पर रखा गया है. इससे पहले भी कई साइबर रिसर्चर गूगल की सिस्टम कमजोरियां खोजकर लाखों डॉलर कमा चुके हैं.

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गूगल के अनुसार, इस प्रोग्राम में ऐसे बग्स की तलाश की जाएगी जो AI सिस्टम को धोखा दे सकते हैं या किसी तरह से डेटा की सुरक्षा को खतरे में डालते हैं. उदाहरण के तौर पर अगर कोई हैकर गूगल होम डिवाइस को ट्रिक करके स्मार्ट डोर लॉक खोल देता है या किसी छिपे कमांड से जीमेल के ईमेल डेटा तक पहुंच बना लेता है तो इसे गंभीर AI बग माना जाएगा.

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गूगल चाहता है कि ऐसी खामियों को पहले ही पहचान लिया जाए ताकि भविष्य में इनका गलत इस्तेमाल न हो सके. यह पहल दिखाती है कि बड़ी टेक कंपनियां अपने AI सिस्टम को लेकर कितनी सतर्क और गंभीर हैं.

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इस बग बाउंटी प्रोग्राम में गूगल के प्रमुख प्रोडक्ट्स जैसे गूगल सर्च, जीमेल, ड्राइव और जेमिनी ऐप्स को शामिल किया गया है. इन प्लेटफॉर्म्स में बग खोजने पर एक्सपर्ट्स को 20 हजार डॉलर तक का इनाम मिलेगा जबकि अगर रिपोर्ट बहुत खास या अनोखी हुई तो इनाम की राशि 30 हजार डॉलर तक जा सकती है.

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गूगल का कहना है कि पिछले दो सालों में रिसर्चर्स ने केवल AI से जुड़े खतरों का पता लगाकर 4 लाख 30 हजार डॉलर से अधिक कमा लिए हैं. इसके साथ ही गूगल ने एक नया AI टूल CodeMender भी लॉन्च किया है जो ओपन-सोर्स सॉफ्टवेयर में मौजूद सिक्योरिटी खामियों को खुद-ब-खुद ढूंढकर उन्हें ठीक कर देता है.

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अब तक इस टूल ने 70 से ज्यादा बग्स को पहचानकर सुधार भी किया है. गूगल का मानना है कि ऐसे टूल्स यह साबित करते हैं कि AI सिर्फ खतरा नहीं बल्कि टेक्नोलॉजी को और सुरक्षित और मजबूत बनाने का भी एक अहम जरिया है.

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