टॉयलेट में मोबाइल चलाते हैं? जानिए कैसे आप भी बन सकते हैं इस गंभीर बीमारी के शिकार, रिसर्च में हुआ हैरान करने वाला खुलासा
सामान्य स्थिति में ये परेशानी नहीं देते लेकिन जब ये सूज जाते हैं या इनमें खून जमा होने लगता है तो दर्द, सूजन, खून आना या गांठ जैसी समस्या सामने आती है. यह एक बेहद आम समस्या है और माना जाता है कि आधी से ज्यादा आबादी अपने जीवन में कभी न कभी पाइल्स की तकलीफ झेलती है.
दरअसल, ये बीमारी ज्यादातर 45 साल से ज्यादा उम्र के लोग, गर्भवती महिलाएं, ज्यादा वजन वाले लोग, जिनको बार-बार कब्ज या दस्त की समस्या होती है, भारी वजन उठाने वाले और टॉयलेट में लंबे समय तक बैठने वालों को होती है.
लंबे समय तक कुर्सी पर बैठने से तो पाइल्स का खतरा नहीं बढ़ता लेकिन टॉयलेट सीट पर बैठना ज्यादा खतरनाक माना जाता है. दरअसल, टॉयलेट सीट पर बैठने से पेल्विक फ्लोर पर दबाव बढ़ता है और गुदा के आसपास की नसों में खून जमा होने लगता है. यही दबाव पाइल्स की वजह बन सकता है.
अमेरिका की इस रिसर्च में 125 लोगों (उम्र 45+) को शामिल किया गया. उनसे टॉयलेट पर स्मार्टफोन इस्तेमाल, खाने की आदतों और शारीरिक गतिविधियों को लेकर सवाल पूछे गए. फिर कोलोनोस्कोपी के जरिए उनकी जांच की गई.
66% लोग टॉयलेट में फोन चलाते पाए गए. इनमें से 37.3% लोग 5 मिनट से ज्यादा टॉयलेट में बैठे रहते थे. जबकि बिना फोन वालों में यह आंकड़ा सिर्फ 7% था. टॉयलेट में फोन इस्तेमाल करने वालों में पाइल्स का खतरा 46% ज्यादा पाया गया. दिलचस्प बात यह रही कि इस स्टडी में जोर लगाने (straining) और पाइल्स के बीच सीधा रिश्ता नहीं पाया गया. यानी असली खतरा ज्यादा देर तक टॉयलेट में बैठना है.
यह पहली बार नहीं है जब ऐसा दावा हुआ हो. 2020 में तुर्की और इटली में हुई रिसर्च में भी यही पाया गया कि 5 मिनट से ज्यादा टॉयलेट पर बैठना पाइल्स के खतरे को कई गुना बढ़ा देता है. पाइल्स से आप भी कुछ चीजों को अपनाकर बच सकते हैं. अपने खाने में फाइबर और पानी की मात्रा बढ़ाएं. टॉयलेट में फोन या किसी भी तरह का डिस्ट्रैक्शन न ले जाएं. टॉयलेट में बैठने का समय कम से कम रखें. अगर मलत्याग के दौरान खून, दर्द या गांठ जैसी समस्या दिखे तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें.