नमक के दाने जितना माइक्रो रोबोट! शरीर के अंदर जाकर करेगा कमाल, जानें भविष्य में क्या-क्या कर पाएगी ये मशीन?
इस प्रोजेक्ट से जुड़े रिसर्चर मार्क मिस्किन के मुताबिक, यह अपनी तरह का पहला ऐसा माइक्रो रोबोट है जो बेहद छोटे साइज में भी सोचने और प्रतिक्रिया देने की क्षमता रखता है. यह रोबोट सूरज की रोशनी से ऊर्जा लेता है, यानी इसे चलाने के लिए किसी बैटरी की जरूरत नहीं होती. रिपोर्ट्स के अनुसार इसका आकार 1 मिलीमीटर से भी कम है और इसके भीतर 55 नैनोमीटर तकनीक पर आधारित एक बेहद छोटा कंप्यूटर लगाया गया है.
इसमें ऐसे सेंसर मौजूद हैं जो तापमान में 0.3 डिग्री तक के बदलाव को भी पहचान सकते हैं. बाहर से इसे एक खास सुरक्षात्मक परत से ढका गया है ताकि यह सुरक्षित रहे और कम से कम ऊर्जा में काम कर सके. अपने आकार के हिसाब से यह रोबोट पुराने माइक्रो रोबोट्स की तुलना में कई गुना ज्यादा ताकतवर बताया जा रहा है.
इस खोज का सबसे बड़ा असर मेडिकल साइंस में देखने को मिल सकता है. भविष्य में ऐसे छोटे रोबोट इंसानी शरीर के भीतर नसों के रास्ते घूमकर सही जगह तक दवा पहुंचा सकते हैं, ब्लॉकेज को खोल सकते हैं और कोशिकाओं पर नजर रख सकते हैं. इससे बड़े ऑपरेशन और सर्जरी की जरूरत काफी हद तक कम हो सकती है.
वैज्ञानिकों का मानना है कि आने वाले 10 सालों में इस तकनीक का वास्तविक इस्तेमाल शुरू हो सकता है. अभी यह रोबोट सिर्फ प्रयोगशाला तक सीमित है, लेकिन आने वाले समय में इसे शरीर के अंदर सुरक्षित तरीके से काम करने लायक बनाया जाएगा. जब कई ऐसे रोबोट एक साथ मिलकर काम करेंगे, तो जटिल मेडिकल प्रक्रियाएं भी आसान हो सकती हैं.
फिलहाल इसकी कुछ सीमाएं भी हैं. यह अभी केवल लैब के माहौल में और मीठे पानी में काम कर सकता है. नमकीन पानी, खून या जमीन जैसी परिस्थितियों में इसे सक्षम बनाने पर काम जारी है. इसके बावजूद वैज्ञानिक इसे एक बड़ी सफलता मान रहे हैं, क्योंकि इसे कंट्रोल करना बेहद आसान है. यहां तक कि साधारण माइक्रोस्कोप की मदद से, जिसकी कीमत ज्यादा नहीं होती, छात्र भी इसे संचालित कर सकते हैं. अब शोधकर्ता इसे और ज्यादा मजबूत और बहुउपयोगी बनाने में जुटे हैं.
आने वाले समय में जब ऐसे माइक्रो रोबोट आपस में संवाद करके एक टीम की तरह काम करेंगे, तो मेडिकल दुनिया पूरी तरह बदल सकती है. विशेषज्ञों का मानना है कि भविष्य में रोबोट सर्जन की भूमिका भी निभा सकते हैं. यह तकनीक धीरे-धीरे उस दौर की ओर इशारा कर रही है, जहां इंसानी शरीर के भीतर जाकर इलाज करने वाले रोबोट आम बात बन जाएंगे. जो चीज कभी सिर्फ कल्पना लगती थी, वह अब हकीकत का रूप लेती दिख रही है और आने वाले वर्षों में आम लोगों की जिंदगी को बेहतर बनाने में बड़ी भूमिका निभा सकती है.