BJP के खिलाफ अखिलेश यादव का 'MY' समीकरण से अलग दिखा प्लान, प्रचार के दौरान इन 15 तस्वीरों में दिखी झलक
यूपी में तीन सीटों पर हो रहे उपचुनाव के लिए प्रचार प्रसार शनिवार को खत्म हो गया. लेकिन समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव पूरे चुनाव प्रचार के दौरान अलग अंदाज में नजर आए.
सपा प्रमुख का इस पूरे कैंपेन के दौरान बीजेपी के खिलाफ चुनाव प्रचार 'MY' समीकरण से अलग नजर आया. सपा प्रमुख के इस बदले हुए प्लान की पुष्टि तस्वीरों ने कर दी.
अखिलेश यादव ने पूरे चुनाव प्रचार के दौरान अपने कोर वोटर्स के अलावा अन्य जातिगत और समाजिक समीकरण को दुरुस्त करने का पूरा प्रयास किया.
सपा प्रमुख ने अपने यादव और मुस्लिम वोटर्स से अलग बीजेपी को उसके 'हिंदूत्व कार्ड' वाले प्लान पर घेरते हुए दिखा दिए.
हालांकि बात केवल 'MY' समीकरण से अलग और कोर हिंदूत्व वाली क्षवि पर ही खत्म नहीं होती. इससे अलग भी अखिलेश यादव एक प्लान पर काम करते हुए नजर आए.
दरअसल, इस चुनाव में बीएसपी और कांग्रेस ने प्रत्याशी नहीं उतारे हैं. इस वजह से बीएसपी के दलित वोटर्स और कांग्रेस का कोर वोटर्स को भी अपने पाले में लाने के लिए सपा प्रमुख ने पूरा प्रयास किया.
कई मौकों पर रैली के दौरान सीधे मंच पर अखिलेश यादव डॉ भीम राव अंबेडकर की तस्वीर के साथ दिखाई दिए. इसके जरिए उन्होंने दलित वोटर्स को संकेत देते हुए, अपने पाले में लाने का प्रयास किया.
हालांकि कांग्रेस के चुनाव नहीं लड़ने से बीजेपी के खिलाफ उनके कोर वोटर्स का वोट जाना सीधा दिख रहा है. यूपी उपचुनाव में कांग्रेस को वोट सपा गठबंधन के ओर ट्रांसफर होना तय है.
अखिलेश यादव के अलावा उनकी पत्नी डिंपल यादव ने भी 'MY' समीकरण से अलग बीजेपी के खिलाफ 'हिंदूत्व कार्ड' वाले समीकरण को साधने का प्रयास किया.
डिंपल यादव न केवल रैली और मंचों पर नजर आईं, बल्कि उन्हें रोड शो और गली-गली प्रचार करते हुए भी देखा गया.
डिंपल यादव के लिए प्रचार के दौरान यादव कुनबे की एकजुटता स्पष्ट तौर पर दिखाई दी. लगभग हर दिन उनके साथ धर्मेंद्र यादव, आदित्य यादव और तेज प्रताप सिंह यादव में से कोई जरूर नजर आता था.
डिंपल यादव के प्रचार तस्वीरों में अखिलेश यादव के प्लान को पूरी तरह से फॉलो करते हुए दिखाई दीं.
बता यहीं खत्म नहीं होती, इस बार के उपचुनाव में अखिलेश यादव ने बीजेपी के खिलाफ सपा गठबंधन की एकजुटता पर भी जोर दिया.
दलित वोटर्स को अपने पाले में लाने के लिए राज्य के बड़े दलित नेता के तौर पर पहचान बना चुके चंद्र शेखर आजाद के साथ मंच साझा करते हुए भी सपा प्रमुख नजर आए.
रैलियों और भाषणों से अलग सपा प्रमुख रोड शो के अलावा गली-गली घुमते हुए और घर-घर जाकर वोट मांगते हुए नजर आए.
हालांकि अभी चुनाव परिणामों से पहले अखिलेश यादव के इस नए प्लान के झलक दिखी, लेकिन चुनाव परिणाम ही इसकी कामयाबी पर असली मुहर लगाएंगे.