Mukhtar Ansari: कैसे बाहुबली से राजनेता बने मुख्तार अंसारी, तस्वीरों के जरिए जानिए पूरी कहानी
उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में बाहूबलियों में बड़ा नाम मुख्तार अंसारी का जन्म 20 जून साल 1963 को यूपी के गाजीपुर जिले में हुआ था. उनके पिता सुब्हानउल्लाह अंसारी वामपंथी नेता थे. साफ-सुधरी छवि के कारण मुख्तार अंसारी के पिता 1971 में हुए नगर पालिका चुनाव में निर्विरोध जीत हासिल की थी. जबकि उनके दादा डॉक्टर मुख्तार अहमद अंसारी स्वतंत्रता सेनानी थे वे अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी रहे.
मुख्तार अंसारी के नाना भी जाने-माने हस्ती थें. नौशेरा के नाम से मशहूर उसके नाना ब्रिगेडियर उस्मान मुख्तार अंसारी 3 जुलाई साल 1948 को पाकिस्तान के साथ हुई जंग में शहीद हो गए थे. बाद में उन्हें महावीर चक्र से सम्मानित किया गया था. इसके अलावा पूर्व उप-राष्ट्रपति हामिद अंसारी भी रिश्ते में चाचा लगते हैं.
एक समय मुख्तार अंसारी का गढ़ पूर्वांचल माना जाता था. उनके खिलाफ गुनाहों की लंबी लिस्ट है. उत्तर प्रदेश पुलिस के मुताबिक देशभर में मुख्तार अंसारी पर कुल 52 केस दर्ज हैं. जिसके कारण वह तकरीबन 16 साल से जेल में बंद हैं. यूपी सरकार ने मुख्तार अंसारी पर कार्रवाई करते हुए उसकी 192 करोड़ की संपत्ति को ध्वस्त और जब्त कर लिया है. पुलिस ने अब तक उसके गैंग के 95 लोगों को गिरफ्तार किया है जिसमें 75 लोगों पर गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई हो रही है. इस समय मुख्तार अंसारी बांदा जेल में बंद हैं.
मुख्तार अंसारी के खिलाफ पहला मामला साल 1988 में हत्या का केस गाजीपुर कोतवाली में दर्ज किया गया था. हालांकि पुलिस उनके खिलाफ पुख्ता सबूत नहीं जुटा पाई थी. 90 के दशक में मुख्तार अंसारी ने प्रॉपर्टी और ठेके का काम शुरू किया इसके अलावा जमीनों पर कब्जा करने के लिए मुख्तार ने अपना गैंग बनाया था..
मुख्तार अंसारी ने अब तक दो बार बसपा और दो बार निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. मऊ, बलिया, गाजीपुर, चंदौली, आजमगढ़ और वाराणसी समेत कई अन्य जिलों में मुख्तार का दबदबा है. साल 2017 की विधानसभा चुनाव में बसपा प्रमुख मायावती ने मुख्तार अंसारी को मऊ और उनके बेटे अब्बास अंसारी को घोसी विधानसभा सीट से उम्मीदवार घोषित किया था. मऊ सीट से मुख्तार अंसारी ने जीत हासिल की थी लेकिन उनके बेटे अब्बास अंसारी घोसी सीट से बीजेपी प्रत्याशी फागू चौहान से हार गए.