Milkipur ByPoll 2025: मिल्कीपुर में प्रतिष्ठा दांव पर, सपा से हार का बदला ले पाएंगे सीएम योगी! जानें समीकरण किस ओर कर रहे संकेत?
उत्तर प्रदेश विधानसभा में खाली सीट मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव की तारीखों का एलान होने के बाद प्रदेश की सियासत गरम हो गई है. अयोध्या में हार के बाद बीजेपी के लिए यहां की मिल्कीपुर सीट नाक का सवाल बन गई है. इस सीट पर 5 फरवरी को वोटिंग होगी औऱ 8 को नतीजे आएंगे.
खुद सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस सीट को जिताने की जिम्मेदारी अपने हाथों में ले ली है. बीजेपी को कोशिश है कि इस सीट पर सपा को मात देकर फैजाबाद में मिली हार का बदला लिया जा सके.
यूपी उपचुनाव में सबका नजरें इस बार मिल्कीपुर पर टिकी है. ये सीट सपा के अवधेश प्रसाद के फैजाबाद से सांसद बनने के बाद खाली हुई है.
ये सीट समाजवादी पार्टी का गढ़ मानी जाती है. साल 1991 से अब तक बीजेपी यहां सिर्फ दो बार चुनाव जीती है जबकि छह बार सपा और दो बार बसपा से विधायक रहे हैं.
अवधेश प्रसाद ने बीजेपी को फैजाबाद सीट पर हराकर ऐसा जख्म दिया है जिसकी टीस अब तक बीजेपी को सता रही है.
इस सीट के जातीय समीकरण की बात करें तो यहां 60 हजार ब्राह्मण, 55 हजार यादव, 55 हजार पासी, 30 हजार मुस्लिम, 25 ठाकुर, 25 दलित, 50 हजार कोरी, चौरसिया, पाल और मौर्य समाज के लोग आते हैं.
मंगलवार को चुनाव आयोग की प्रेस वार्ता से पहले अखिलेश यादव ने मिल्कीपुर उपचुनाव पर कहा कि यह सबसे फेयर और सही चुनाव होगा.
उधर, बीजेपी ने मिल्कीपुर सीट पर 6 मंत्रियों की तैनाती कर दी है. मिल्कीपुर सीट जिताने की जिम्मेदारी जिन लोगों को दी गई है उसमें प्रभारी मंत्री सूर्य प्रताप शाही, जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, सहकारिता राज्य मंत्री जेपीएस राठौर , आयुष एवं औषधि प्रशासन राज्य मंत्री डॉ दयाशंकर सिंह दयालु, राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह और सतीश शर्मा शामिल हैं.
सपा ने अक्टूबर 2024 में ही इस सीट पर अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को प्रत्याशी घोषित कर दिया था.
अभी तक बीजेपी ने प्रत्याशी का ऐलान नहीं किया है. हालांकि कई नाम रेस में हैं.