UP Election 2022: अतीक अहमद पर दर्ज हैं 50 से ज्यादा मुकदमें, जानिए बाहुबली से लेकर विधायक तक का सफर
अतीक अहमद का जन्म 10 अगस्त साल 1962 में उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिले में हुए था. उसके पिता फिरोज प्रयागराज में तांगा चलाते थे. बचपन से ही अतीक का मन पढ़ाई-लिखाई में नहीं लगता. हाई स्कूल में फेल होने के बाद अतीक ने पढ़ाई छोड़ दी थी. इसके बाद उसने जुर्म की दुनिया में कदम रखा. उस पर पहला मामला साल 1979 में दर्ज हुआ था उस वक्त अतीक की उम्र मात्र 17 साल थी. इसके बाद साल दर साल उस पर कई मुकदमें दर्ज किए गए.
साल 1992 में इलाहाबाद पुलिस ने अतीक अहमद के खिलाफ वारंट जारी किया. उस पर लखनऊ, कौशाम्बी, चित्रकूट, इलाहाबाद और बिहार में हत्या, अपहरण और जबरन वसूली कराने के आरोप थे. अतीक अहमद के खिलाफ सबसे अधिक एफआईआर इलाहाबाद में दर्ज थे. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक साल 1986 से लेकर साल 2007 तक उसके खिलाफ 12 से ज्यादा एफआईआर दर्ज थे.
अपराध की दुनिया में नाम कमाने के बाद अतीक अहमद ने राजनीति में कदम रखा. पहली बार वह सा 1989 में इलाहाबाद (पश्चिम) विधानसभा सीट से विधायक बना. इसके बाद साल 1991 और साल 1993 में निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. साल 1996 के चुनाव में अतीक अहमद ने समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़कर एक बार फिर विधानसभा पहुंचा. साल 1999 में अतीक अहमद ने अपना दल के टिकट पर प्रतापगढ़ सीट से चुनाव लड़ा लेकिन इस बार उसे हार का सामना करना पड़ा हालांकि साल 2002 में अतीक अहमद को एक बार फिर विधायक बनने का मौका मिला इसके बाद वह सपा में शामिल हो गए. साल 2004 के लोकसभा चुनाव में अतीक ने समाजवादी पार्टी की तरफ से चुनाव जीतकर सांसद बने.
साल 2007 में यूपी में मायावती की सरकार आने के बाद अतीक अहमद पर एक के बाद एक एफआईआर दर्ज होने लगे. यूपी पुलिस ने अतीक के खास प्रोजेक्ट अलीना सिटी को अवैध घोषित करते हुए उसे ध्वस्त कर दिया. विधायक राज पाल की हत्या का वारंट जारी होने के बाद अतीक फरार थे. पुलिस ने उनके उपर 20 हजार का इनाम रखा था. इसके 6 महीने बाद अतीक ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया. अतीक ने अपने बयान में कहा था कि मायावती से उसे जान का खतरा है.
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अतीक अहमद पर शिकंजा कसते हुए गैंगस्टर एक्ट के तहत करीब 355 करोड़ की संपत्ति जब्त कर चुकी है.
2022 के विधानसभा चुनाव के कुछ महीने पहले ही अतीक अहमद ने पूरे परिवार सहित असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM में शामिल हो गए.