In Pics: यहां गिरती है सूरज की पहली किरण, मंदिर जाने के लिए चढ़नी पड़ती हैं 300 सीढ़ियां, देखें तस्वीरें
देशभर में नवरात्रि पर्व चल रहा है. जगह-जगह माताजी की प्रतिमाएं स्थापित है और गरबा कार्यक्रम चल रहे हैं. साथ ही माता के कई प्राचीन मंदिर की पूजा-अर्चना देखने को मिल रही है. ऐसे में आपको ऐसे माताजी के स्थान का दर्शन कराने जा रहे हैं जहां सूरज की पहली किरण गिरती है. इसी कारण माता के मंदिर का नाम भी सुरजबारी माता जी है.
इस मंदिर से महाराणाओं का इतिहास बागी जुड़ा हुआ है. यह मंदिर कितने साल पुराना है इसका कोई तथ्य नहीं है लेकिन सदियों से यहां माताजी विराजमान है.
यह मंदिर राजसमंद जिले के रेलमगरा के पास अरावली पर्वत श्रृंखला के बीच ऊंची पहाड़ी ओर स्थिति है. चट्टान के बीच सुरंग में सूरज की पहली किरण गिरती है. इसलिए माताजी का नाम सूरजवारी माताजी पड़ा. स्थान कितना पुराना है, इसका कोई प्रमाण नहीं है.
मंदिर के पंडित किशनलाल ने बताया कि 15वीं सदी में महाराणा उदयसिंह चित्तौड़ छोड़कर जा रहे थे, तभी रास्ते में यहां रुके थे. वह सुबह उठे तो पहाड़ियों के बीच बनी सुरंग जहां सूरज की किरण नजर आई, वहीं महाराणा को माताजी के दर्शन हुए. तब से ही माताजी के मंदिर में भक्त जा रहे हैं. नवरात्रि के समय यहां बड़ी संख्या में भक्त एकत्र होते हैं.
मंदिर प्राकृतिक रूप से बना हुआ है जहां पहुंचने में 300 से ज्यादा सीढ़िया चढ़नी पड़ती हैं. यहां छोटी-छोटी सुरंग बनी है जिसमें से भक्त निकलते हैं और मन्नते मांगते हैं. यहां मान्यताएं भी है जिसके बारे ने पंडित किशनलाल बताते हैं. कहा कहते हैं कि यहां लकवाग्रस्त मरीज आते हैं और छोटी-छोटी गुफाओं से निकलते हैं और ठीक होते हैं. साथ ही यहां सभी श्रद्धालुओं के लिए यहां फ्री भोजन की व्यवस्था की हुई है.