In Pics: जोधपुर में हस्तशिल्प महिला कारीगरों को बढ़ावा देने के लिए दो दिवसीय कार्यशाला, देखिए तस्वीरें
भारत सरकार की तरफ से आर्टिजंस के लिए जोधपुर में दो दिवसीय विपणन संगोष्ठी एवं कार्यशाला की शुरुआत की गई है. कार्यशाला में अलग-अलग क्षेत्र के वक्ताओं को बुलाया गया है.
भारत सरकार की जेम योजना के अंतर्गत आर्टिजंस का रजिस्ट्रेशन भी किया जा रहा है. दो दिवसीय कार्यशाला में बिना मशीन के प्रोडक्ट बनानेवाली 100 अनुसूचित जाति की महिलाएं भाग ले रही हैं.
संगोष्ठी एवं कार्यशाला का आयोजन कार्यालय विकास सहायक हस्तशिल्प की तरफ से किया गया है. वस्त्र मंत्रालय के निदेशक किरण ने बताया कि आर्टिजंस महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया है.
कार्यशाला में वक्ता आर्टिजंस को समय के अनुसार बदलने, डिजिटल मार्केटिंग और सरकार को माल सीधा बेचने की जानकारी देंगे. भारत सरकार के कार्यक्रम से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने में काफी सहायता मिल रही है. निदेशक राठी के मुताबिक आईआईटी, निफ्टी, एनआईटी के साथ मिलकर कार्यशाला आयोजित की गई है.
ट्रेनिंग पानेवाली आर्टिजन्स सभी गृहणी महिलाएं हैं. महिलाएं घर से निकल कर ट्रेनिंग कार्यक्रम में पहुंच रही हैं. काम के तरीके को सीख रही हैं. नए हुनर सीख कर आत्मनिर्भर बनने का उदाहरण पेश कर रही हैं. एक कारीगर ने बताया कि पहले ₹25 में जूती बनाकर बेचते थे.
डीसीएस हैंडीक्राफ्ट से जुड़ने के बाद अब 700, 800, 900 और ₹2400 रुपए तक में जूती बनाकर बेच रहे हैं. उन्होंने बताया कि डीसीएस हैंडीक्राफ्ट से जुड़ने का बहुत फायदा मिल रहा है. प्रोडक्ट को सीधा बाजार में बेचने के लिए प्लेटफार्म उपलब्ध हुआ है.