Raksha Bandhan 2022: बूंदी के बाजारों में दिखी 5 से 500 रुपए तक की राखियों के डिजाईन, शहर में 70 लाख के कारोबार की संभावना
Raksha Bandhan 2022: छोटी काशी में रक्षा बंधन (Raksha Bandhan) के त्योहार की धूम है. रक्षाबंधन का पर्व भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक है. यs त्योहार हर साल सावन महीने की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है. इस साल पूर्णिमा तिथि यानी 11 को त्योहार मनाया जाएगा. इधर बूंदी शहर में भी राखी के बाजार सज गए हैं. अकेले नगर परिषद ने शहर के अलग-अलग राखियों की 150 दुकानें आवंटित की हैं. इन दुकानों पर 5 रुपये से 500 रुपए तक की राखियां मौजूद हैं.
बूंदी में बिहार, यूपी और दिल्ली के कारोबारी भी गली-गली राखियां बेच रहे हैं. खासकर अहमदाबाद, जोधपुर, कोलकाता, अजमेर, अलवर, दिल्ली की राखियां आती हैं. जोधपुर की राजस्थानी राखी, अहमदाबाद की स्टोन डायमंड की, कोलकाता की जरी की राखी भी है. सर्राफा की दुकानों पर चांदी की राखी भी है.
दुकानदार शाहरुख नद्दाफी ने बताया कि कोरोना काल के बाद पहली बार मार्केट खुलने से आमजन में काफी उत्साह है. लोगों की भीड़ देखी जा रही है. भाई-बहन रक्षा सूत्र खरीदने के लिए पहुंच रहे हैं. खासतौर पर अलवर की राखी की विशेष डिमांड है क्योंकि ये राखी टूटती नहीं सुरक्षित रहती है.
दुकानदारों के अनुसार एक दुकान पर 50 हजार रुपए का माल है. शहर में रक्षाबंधन का कारोबार 50 से 70 लाख रुपए के बीच होगा. वहीं राखी की खरीदारी करने के लिए आई सुनीता ने बताया कि, राखी को लेकर काफी उत्साह है पिछली बार तो हाथ से बनी राखियों का इस्तेमाल कर रक्षाबंधन बनाया था. अब बाजार में राखियां लेने के लिए पहुंचे हैं लेकिन पिछली बार से इस बार राखी काफी महंगी है.
बूंदी के बाजारों में रखियों की दुकान लगा रहे दुकानदारों ने बताया कि पिछले 2 सालों से कोरोना काल के चलते हम राखी की दुकाने नहीं लगा पा रहे थे. जिससे हमें काफी नुकसान हो रहा था. दुकानदारों ने बताया कि, पिछली बार हमने काफी संख्या में रखी बेचने के लिए खरीदारी की थी.
लेकिन अचानक से लॉकडाउन लग जाने के चलते राखियों का बाजार नहीं लगा. कोरोना की पाबंदी हटने के बाद बाजार खुला है तो उम्मीद है कि 2 साल तक हुए नुकसान की भरपाई इस बार हो जाएगी.