In Pics: मधुर स्वर लहरियों पर नारी शक्ति के मिले कदम से कदम, पूरे कोटा शहर में हो रही चर्चा, देखें तस्वीरें
राजस्थान के कोटा में गणवेश पहने नन्हीं स्वयंसेविकाओं से लेकर बड़ी उम्र की महिला कार्यकर्ताओं का उत्साह देखते ही बन रहा था. आणक, प्रणव, वंशी और शंख से सजा घोष दल आकर्षण का केन्द्र था.
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View In Appभारत माता के जयघोष, स्वागत करने वालों की लम्बी लाइन और मधुर स्वर लहरियों ने देशभक्ति का भाव जगा दिया. कदम से कदम मिलाती युवतियां और महिलाओं ने कोटा शहर के विभिन्न प्रमुख मार्गों से पथ संचलन निकाला.
आरएसएस के इस संगठन के द्वारा निकाला गया पथ संचलन शहर में चर्चा का विषय रहा. भाजपा के पदाधिकारियों सहित विधायकों ने भी पथ संचलन का स्वागत किया. संचलन के मार्ग में घोष दल के द्वारा किरण, प्रताप, चेतक समेत विभिन्न रचनाओं का प्रदर्शन किया गया. राष्ट्र सेविका समिति कोटा विभाग की ओर से वर्ष प्रतिपदा पर शहर के विभिन्न मार्गों से पथ संचलन निकाला गया.
सबसे आगे खुली जीप में भारत माता की झांकी सजाई गई थी जो आकर्षण का केन्द्र रही. स्वयंसेविकाओं ने भगवा ध्वज को हाथों में थाम रखा था. संचलन प्रमुख आयुषी इंदौरिया सबसे आगे चल रही थीं. गणवेश पहने नन्हीं स्वयंसेविकाओं से लेकर बड़ी उम्र की महिला कार्यकर्ताओं का उत्साह देखते ही बन रहा था.
कार्यक्रम में समिति की क्षेत्रीय कार्यवाहिका प्रमिला शर्मा ने कहा कि राष्ट्र सेविका समिति का 1936 में गठन हुआ था. भारत की बेटी तेजस्वी है, तेजस्विता की पहचान उसके रोम रोम में है. नारी राष्ट्र की आधार शक्ति है, इसलिए नारी को निरंतर कार्य करते रहना चाहिए.
प्रमिला शर्मा ने कहा कि भारत की परिवार व्यवस्था, भारत के ज्ञान विज्ञान को आत्मसात करके संगठन मातृत्व भाव के साथ आगे बढ़ रहा है. उन्होंने कहा, राष्ट्र सेविका समिति माता जीजाबाई, वीरांगना लक्ष्मीबाई और अहिल्याबाई होलकर को अपना आदर्श मानती है. राष्ट्र सेविका समिति की शाखा व्यक्तित्व निर्माण की प्रयोगशाला है.
उमा सिंह चीता ने कहा कि सेना के बाद पहली बार इस प्रकार कदमताल करते हुए महिलाओं को देख रही हूं. यह अद्भुत अनुभव है. महिला सशक्तिकरण की बात करते हुए आज हम आगे आ गए हैं. कभी सती प्रथा और बाल विवाह की बात होती थी. आज नारी कदम से कदम मिलाकर चल रही है. फ्लाइट और प्लेन तक उड़ा रही है.
उमा सिंह चीता ने कहा नवदुर्गा का समय देवी को नए रूप में पूजने का अवसर है, जो हमें बताती है कि देवी ने नौ अलग-अलग रूपों में लड़ाई लड़ी और यह बता दिया कि नारी शक्तिशाली होती है. पूर्ण रूप से सशक्त है, नारी मल्टीटास्कर होती है.
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