In Pics: राजस्थान में अब तक औसत से ज्यादा बारिश, कोटा संभाग के बांधों में पानी की भरपूर आवक
कोटा संभाग सहित पूर प्रदेश में मानसून महरबान है. ज्यादातर जगह सामान्य से अधिक बरसात हो चुकी है. बरसात भी रुक-रुक कर हो रही है जो लाभदायक है. फसलों के लिए भी ये पानी वरदान साबित हो रहा है. ये ही नहीं पीने की पानी की किल्लत भी दूर दराज वाले इलाकों में खत्म हो गई है.
प्रदेश में औसत से 10 से लेकर 190 प्रतिशत अधिक बारिश हो चुकी है. कोटा में 19 जुलाई तक 216.7 एमएम औसत बारिश रहती है, लेकिन अब तक 80 प्रतिशत से अधिक 322.9 एमएम बारिश दर्ज कर ली गई है.
जुलाई माह में ही 220 एमएम बारिश दर्ज की गई थी. प्री मानसून में भी 150 एमएम से अधिक बारिश हुई. जुलाई का कोटा भी 10 दिन पहले पूरा हो गया है. पूरे जुलाई का औसत 300 एमएम रहता है. सर्वाधिक श्रीगंगानगर में औसत 79.2 एमएम बारिश के मुकाबले 233.4 बारिश हो चुकी है. ये सामान्य से 195 प्रतिशत अधिक है. सबसे कम बारिश भरतपुर में औसत से 10 प्रतिशत तो सिरोही में 7 प्रतिशत कम हुई है. प्रदेश के 716 बांधों में इस बार पिछले साल की तुलना में 1580.58 एमक्यूएम पानी की अधिक आवक हो चुकी है. जबकि अभी तो आधा सीजन बाकी है. पानी की सर्वाधिक मात्रा कोटा संभाग के 82 बांधों में 1041.41 एमक्यूएम बढ़ी है. मौसम केंद्र के निदेशक राधेश्याम शर्मा के अनुसार कोटा में 27 बांधों में चादर.
मध्यप्रदेश में लगातार बारिश से क्षेत्र में पार्वती, चम्बल व कालीसिंध नदियों में पानी की आवक लगातार बढती जा रही है. खातोली पार्वती नदी के पुल पर डेढ़ फीट पानी भर गया है, जिस कारण वहां रास्ता बंद हो गया है. पिछले करीब 12 घंटे से कोटा - ग्वालियर श्योपुर मार्ग बंद हो गया है. मध्य प्रदेश व राजस्थान का सड़क मार्ग से सम्पर्क कट गया है.
नदी के दोनों किनारों पर वहनों की कतारें लग गई हैं. दोनो ही प्रदेशों की पुलिस ने मोर्चा संभाल रखा है और किसी को भी आने जाने नहीं दिया जा रहा. चम्बल झरेर पर 8 फिट पानी है, बारां - मथुरा सवाई माधोपुर मार्ग भी बाधित हो गया है. कालीसिंध नदी में भी तेजी से पानी की आवक होने से जल स्तर ब्बढ़ रहा है, स्टेट हाइवे 70 कोटा - इटावा के बीच मार्ग अवरूद्ध होने की कगार पर है.