Photos: जयपुर में आंदोलनकारी वीरांगनाओं की पुलिस से झड़प, रोके जाने पर खाई घास, मैदान में आए किरोड़ी लाल मीणा, देखिए तस्वीरें
जयपुर में 10 दिनों से धरने पर बैठी वीरांगनाओं का आज धैर्य जवाब दे गया. तेज बारिश की परवाह ना करते हुए वीरांगनाओं ने धरना स्थल से उठकर सीएम आवास जाने का फैसला किया. सीएम आवास पहुंचने से पहले वीरांगनाओं की पुलिस से झड़प हो गई. पुलिस ने रास्ते में बैरिकेडिंग की थी. मुख्यमंत्री से मिलने की जिद पर अड़ी वीरांगनाओं को पुलिस ने रोकने की पूरी कोशिश की.
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View In Appहालात बिगड़ता देख सांसद किरोड़ी लाल मीणा भी मौके पर पहुंच गये. उन्होंने वीरांगनाओं से शांति बनाए रखने की अपील की. गौरतलब है कि 10 दिनों से वीरांगनाओं का धरना स्थल सचिन पायलट का आवास बना हुआ है. पुलिस की कार्रवाई पर वीरांगनाओं ने दांतों में घास का तिनका दबाकर शहीदों के सम्मान की बात कही.
काफी देर तक अफरा तफरी के बाद वीरांगनाओं ने कहा गहलोत सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार हठधर्मिता पर अड़ी है. पिछले 10 दिन से धरने पर बैठने के बावजूद हमारी बात नहीं सुनी जा रही है. वीरांगनाओं ने कहा कि मुख्यमंत्री के पास वीरांगनाओं से मिलने का समय नहीं है. हमारे पति देश की रक्षा के लिए कुरबान हो गए.
मुख्यमंत्री को चाहिए था कि मुलाकात कर हमारा दर्ज जानते. वीरांगनाओं ने देवर को नौकरी नहीं मिलने का दर्द बयां किया. उन्होंने कहा कि देवर को नौकरी दिलाने में क्या बुराई है. हम मुख्यमंत्री के बेटे की नौकरी नहीं छीन रहे हैं. किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि वीरांगनाएं 10 दिन से धरने पर बैठी हैं.
सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही. वीरांगना मंजू जाट पांच दिन से आमरण अनशन पर है. अनहोनी होने पर जिम्मेदारी सरकार की होगी. मीणा ने कहा की दांतों में तिनका दबाए हुए वीरांगनाएं शहीदों के सम्मान की याचना कर रही हैं.
निष्ठुरता की सीमा पार कर चुके मुख्यमंत्री सम्मान देने के बजाय व्यर्थ की बयानबाजी कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि गुर्जर आंदोलन में मृतक के रिश्तेदारों को नौकरी दी गई थी. सरकार को इस मामले में क्या दिक्कत है.
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