दुल्हन को लेने बैलगाड़ी में पहुंचा डॉक्टर दूल्हा, लोगों को दिया सादगी का संदेश, देखिए इस अनोखी शादी की तस्वीरें
Unique Wedding In Betul Village - शादी हर इंसान के लिए उसकी जिंदगी का अहम पड़ाव होती है. ऐसे में अक्सर देखा जाता है कि लोग अपनी शादी को यादगार और शानदार बनाने के लिए ढेरों रुपए खर्च करते हैं. लेकिन वो ये भूल जाते हैं कि इस खर्चे से वो देश में हजारों गरीब लोगों का पेट भर सकते हैं. इसी बीच बैतूल में एक ऐसी शादी देखने को मिली है.जिसकी मिसाल पूरे गांव वाले दे रहे हैं. यहां पेशे से एक डॉक्टर ने समाज को एक अनूठा सन्देश देते हुए अपनी शादी का समारोह गांव में ही बेहद सिंपल ढंग से आयोजित किया और अपनी दुल्हनिया को लेने बैलगाड़ी पर बैठकर रवाना हुए. इन डॉक्टर का नाम राजा धुर्वे है. जिनका कहना है कि, अपने सामाजिक, संस्कृतिक मूल्यों को सहेजने और लोगों को महंगाई के दौर में सादा जीवन उच्च विचार रखने का संदेश देने का इससे अच्छा मौका नहीं हो सकता था.
दरअसल पूरा मामला बैतूल के चिचोली ब्लॉक के आदिवासी बाहुल्य गांव असाढ़ी का है. जहां गांव के एक होनहार युवा डॉक्टर राजा धुर्वे की अनूठी शादी चर्चा का सबब बनी हुई है.
डॉक्टर राजा ने समाज को कभी ना भूलने वाला संदेश दिया और अपनी दुल्हनिया को लेने सजी-धजी बैलगाड़ी में बैठकर रवाना हुए. बैलगाड़ी को भी ऐसा सजाया गया जिसके सामने लग्जरी कार और बग्गी भी फीकी दिखाई दे. डॉक्टर राजा एमबीबीएस डॉक्टर, शिक्षक और मोटिवेशनल स्पीकर है.
जिनके मुताबिक महंगाई के इस दौर में बैलगाड़ी सबसे सस्ता सुलभ और प्रदूषणमुक्त साधन है. साथ ही ये बैलगाड़ी ग्रामीण सभ्यता और संस्कृति की पहचान भी है. इसलिए अपनी संस्कृति को पुनर्जीवित करने उन्होंने बैलगाड़ी पर बारात ले जाने का फैसला किया.
इस अनूठी बारात में डॉ राजा धुर्वे की बैलगाड़ी को खास जनजातीय लोक कलाओं से सजाया गया था. दूल्हे की बैलगाड़ी के पीछे बच्चो और महिलाओं को बैठाया गया था. बारात में जनजातीय लोक नृत्य और लोक वाद्य शामिल थे. जिन्हें आज किसी शादी में देख पाना दुर्लभ है.
ग्राम असाढ़ी से बैलगाड़ी में निकले दूल्हे राजा 3 किलोमीटर दूर दूधिया गांव में अपनी दुल्हनियां को लेने पहुंचे तो लोग खुशी से झूम उठे.