जन्माष्टमी पर महाकाल के दरबार में हरि और हर का मिलन, अद्भुत परंपरा की मनमोहक तस्वीरें
इसके बाद भगवान का भांग और सूखे मेवों से शृंगार किया गया. इसके पश्चात भव्य भस्म आरती हुई. महानिर्वाणी अखाड़े के महंत ने भगवान को भस्मी से स्नान कराया.
महाकालेश्वर मंदिर के महेश पुजारी ने बताया कि साल में एक बार जन्माष्टमी का अवसर पर भगवान महाकाल के दरबार में हरि और हर का मिलन देखने को मिलता है. एक तरफ जहां भगवान शिव महाकाल के रूप में विराजित है, वहीं उनके मस्तिष्क पर विष्णु तिलक और उनकी झलक भगवान श्री कृष्ण के रूप में शृंगारित कर उकेरी दी जाती है.
इस प्रकार के दर्शन केवल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर ही होते हैं. दिल्ली से आए शिव भक्त रामकृष्ण तिवारी ने बताया कि महाकालेश्वर के दरबार में जन्माष्टमी की भी धूम है. यहां पर शैव और वैष्णव संप्रदाय की परंपराओं का अद्भुत दृश्य देखने को मिलता है.
भादो पक्ष के पहले सोमवार भगवान महाकाल नगर भ्रमण पर निकलेंगे. शाम को जब भगवान महाकाल की सवारी द्वारकाधीश गोपाल मंदिर के सामने से गुजरेगी, तब एक बार फिर हरि और हर का मिलन होगा.
यह अद्भुत परंपरा केवल द्वादश ज्योतिर्लिंगों में महाकालेश्वर के दरबार में ही देखने को मिलती है. भगवान महाकाल की इस बार भादो पक्ष में दो सवारी निकलने वाली है.