✕
  • होम
  • इंडिया
  • विश्व
  • उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड
  • बिहार
  • दिल्ली NCR
  • महाराष्ट्र
  • राजस्थान
  • मध्य प्रदेश
  • हरियाणा
  • पंजाब
  • झारखंड
  • गुजरात
  • छत्तीसगढ़
  • हिमाचल प्रदेश
  • जम्मू और कश्मीर
  • बॉलीवुड
  • ओटीटी
  • टेलीविजन
  • तमिल सिनेमा
  • भोजपुरी सिनेमा
  • मूवी रिव्यू
  • रीजनल सिनेमा
  • क्रिकेट
  • आईपीएल
  • कबड्डी
  • हॉकी
  • WWE
  • ओलिंपिक
  • धर्म
  • राशिफल
  • अंक ज्योतिष
  • वास्तु शास्त्र
  • ग्रह गोचर
  • एस्ट्रो स्पेशल
  • बिजनेस
  • हेल्थ
  • रिलेशनशिप
  • ट्रैवल
  • फ़ूड
  • पैरेंटिंग
  • फैशन
  • होम टिप्स
  • GK
  • टेक
  • ऑटो
  • ट्रेंडिंग
  • शिक्षा

In Pics: तालाब बचाने में कामयाब रही जबलपुर की जनता, प्रदर्शन के बाद प्रशासन ने लिया ये फैसला

ABP Live   |  06 Jun 2022 01:54 PM (IST)
1

Jabalpur News: जबलपुर में आखिरकार एक तालाब को बचाने के लिए जनता की जंग रंग लाई है. शहर के बीचोबीच बने माढ़ोताल तालाब की करीब 280 करोड़ रुपये मूल्य की 55.84 एकड़ भूमि को मध्यप्रदेश शासन के नाम दर्ज कर दिया गया है. इस प्रकरण में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व (एसडीएम) आधारताल नम शिवाय अरजरिया ने तालाब की भूमि के समस्त बटांकों को निरस्त कर दिया है. उन्होंने केवल एक खसरा नंबर 181 दर्ज कर खसरे के कालम नंबर तीन में मध्यप्रदेश शासन दर्ज किये जाने तथा खसरे के कालम नंबर 12 में माढ़ोताल तालाब एवं अहस्तांतरणीय की प्रविष्टि दर्ज करने का आदेश पारित किया है. बता दें कि इस तालाब को भू माफिया से बचाने के लिए स्थानीय लोग लम्बे समय से आंदोलन कर रहे थे.

2

एसडीएम नम शिवाय अरजरिया के मुताबिक माढ़ोताल तालाब की इस भूमि का तालाब मद में बटांक होने से संबंधित मूल खसरा नंबर 181 के सभी बटांकधारियों को नोटिस जारी कर जवाब प्राप्त किये गये थे.उन्होंने बताया कि सभी बटांकधारियों का पक्ष सुनने के बाद सभी बटांकों को निरस्त कर माढ़ोताल तालाब की भूमि का पूर्व खसरा नंबर 181 दर्ज करते हुए मध्यप्रदेश शासन में निहित करने का निर्णय दिया गया है.

3

यहां बता दें कि माढ़ोताल तालाब की 55.84 एकड़ भूमि मूल खसरा नंबर 181 वर्ष 1909-10 में पानी के रूप में दर्ज थी तथा इसमें किसी व्यक्ति विशेष का नाम भूमि स्वामी के रूप में दर्ज नहीं था. 1955-56 में भी खसरा नंबर 181/1 रकबा 53.98 एकड़ में पानी दर्ज था तथा खसरा के कालम नंबर तीन में किसी भी भूमि स्वामी का नाम दर्ज नहीं था.खसरे के कालम नंबर 12, 14, 16 एवं 18 भी रिक्त थे.जिससे प्रथम दृष्टया यह प्रमाणित हो सके कि सक्षम अधिकारी के आदेश से ही खसरा नंबर 181 का बटांक होकर भूमि स्वामी के हक में तामील किया गया है.

4

अरजरिया ने बताया कि मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 178 के प्रावधान के अनुसार उसी खाते का विभाजन किया जा सकता है जो धारा 69 के अधीन कृषि के प्रयोजन के लिए पूर्व से निर्धारित है किन्तु खसरा नंबर 181 मूल रूप से कृषि प्रयोजन हेतु दर्ज न होकर पानी मद में दर्ज था.इस प्रकार पानी (तालाब) निस्तार पत्रक में दर्ज होने के कारण भू-राजस्व संहिता की धारा 178 के अनुसार इस खसरे का बटांक किया जाना पूर्णत निषेधित है और भू-राजस्व संहिता की धारा 251 की मंशा के विपरीत है. धारा 251 में तालाबों का राज्य सरकार में निहित होना वर्णित है.

5

एसडीएम अरजरिया ने बताया कि मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 21 सितम्बर 1959 से प्रदेश में लागू है.कतिपय रूप से मूल खसरा नंबर 181 के बटांक किये गये एवं माढ़ोताल तालाब को जो धारा 251 एवं धारा 57 के अध्याधीन राज्य शासन की संपत्ति है,बेनीप्रसाद, नरोत्तम दास, राममनोहर दास, पुरुषोत्तम दास, हरिमोहन दास एवं चमेली देवी पिता लालमन मोहनदास के नाम पर दर्ज किया गया.लेकिन नियमों या कानूनों के किस प्रावधान के तहत इनका नाम दर्ज किया गया. इस संबंध में कोई भी दस्तावेज सुनवाई के दौरान प्रस्तुत नहीं किये जा सके.

6

उन्होंने बताया कि सुनवाई के दौरान सभी संलग्न दस्तावेजी साक्ष्यों में पुरुषोत्तम दास टंडन को भू-स्वामित्व का अधिकार राजस्व अभिलेखों में पूर्व में दर्शित नहीं हुआ. भूमि पर पुरुषोत्तम टंडन, मनमोहनदास टंडन को विधि अनुसार भूमि के नामंतरण एवं अंतरण की अधिकारिता भी नहीं पाई गई. इसलिए किये गये समस्त अंतरण एवं सभी मुख्तारनामा को विधि के प्रतिकूल पाया गया.माढ़ोताल तालाब की लगभग 280 करोड़ की भूमि शासन के नाम किये जाने के बाद इस भूमि पर बने पक्के निर्माणों को बुलडोजरों की सहायता से ज़मीदोज कर दिया गाय.ये पक्के निर्माण तालाब में पानी पहुंचने में बाधक बन गये थे. जिला प्रशासन द्वारा माढ़ोताल तालाब के सौंदर्यीकरण, गहरीकरण एवं समतलीकरण के कार्य शुरू किये जा रहे है.

  • हिंदी न्यूज़
  • फोटो गैलरी
  • मध्य प्रदेश
  • In Pics: तालाब बचाने में कामयाब रही जबलपुर की जनता, प्रदर्शन के बाद प्रशासन ने लिया ये फैसला
About us | Advertisement| Privacy policy
© Copyright@2025.ABP Network Private Limited. All rights reserved.