Indore Metro News: इंदौर मेट्रो के विकास की राह मुश्किल, विधानसभा चुनाव के बाद धीमा हुआ काम
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान इंदौर में मेट्रो का पहला ट्रायल रन सफलतापूर्वक हो गया. लेकिन हालिया दिनों में इंदौर मेट्रो के 17 किलोमीटर ट्रैक का ट्रायल रन मुश्किल में पड़ता नजर आ रहा है.
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले मेट्रो ट्रेन के काम की रफ्तार तेज गति से चल रहा था. हालांकि ट्रायल रन होने के बाद इस पर इमरजेंसी ब्रेक अप्लाई कर दिया गया. आलम यह है कि चुनाव खत्म होने के बाद मेट्रो के विकास की गति काफी सुस्त पड़ गया है.
विधानसभा चुनाव के बाद मेट्रो का काम गति नहीं पकड़ पा रहा है. गांधी नगर से रेडिसन चौराहे तक आठ मेट्रो स्टेशन बनने हैं, लेकिन अभी तक एक ही स्टेशन पूरी तरह तैयार हो पाया है.
इसी तरह चंद्रगुप्त मौर्य प्रतिमा से विजय नगर तक ट्रैक भी नहीं बिछए गए हैं. गांधी नगर मेट्रो डिपो से पांच किलोमीटर का ट्रायल रन पिछले साल तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया था.
उस समय तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अफसरों को विशेष निर्देश दिया था. उन्होंने साल 2024 में सितंबर माह तक मेट्रो डिपो से लेकर रेडिसन चौराहे तक 17 किलोमीटर तक ट्रायल रन पूरा करने का निर्देश दिया था.
इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संबंधित हिस्से में मेट्रो कामों को विकसित कार्य, मेट्रो के संचालन का भी निर्देश दिया था. जिस सुस्त गति से काम हो रहा है,उससे सितंबर तक काम पूरा होने की संभावना कम दिखाई दे रही है.
सबसे बड़ी चुनौती सुपर कॉरिडोर ब्रिज और एमआर 10 ब्रिज पर रेलवे पटरी के ऊपरी हिस्से पर ट्रैक बिछाने की है. इसके लिए रेल विभाग से अनुमति लेनी होगी. अभी बड़ोदरा से नई पटरियां भी नहीं आई हैं.
साल 2023 के सितंबर महीने में मेट्रो का ट्रायल रन को पूरा कर लिया गया. इसी के साथ इंदौर सहित औद्योगिक नगरी पीथमपुर और धार्मिक नगरी उज्जैन तक इसे चलाने की घोषणा भी हुई.
दरअसल, उज्जैन में 2028 में सिंहस्थ का आयोजन होने जा रहा है. सिंहस्थ से पहले मेट्रो ट्रेन की सौगात अगर इंदौर से उज्जैन तक मिल जाती है, तो वाहनों से लगने वाले जाम और ईंधन की बचत भी होगी और जो लोग इंदौर से उज्जैन आते जाते हैं उन्हें काफी सहूलियत मिलेगी.
आपको बता दें कि जिस हिसाब से इंदौर की आबादी बढ़ रही है उसके मुताबिक अब इंदौर में मेट्रो जरूरी हो गई है. इंदौर शहर की आबादी वर्तमान में लगभग 40 लाख के आसपास हो गई है.
यही वजह है कि सितंबर महीने में मेट्रो का ट्रायल रन पूरा कर लिया गया. ट्रायल रन के पहले तीन रैक गुजरात से मंगवाए गए, जिन्हें असेंबल करके करीब 6 किलोमीटर लंबे सुपर प्रायोरिटी कॉरिडोर पर टेस्ट रन किया गया.
र मेट्रो रूट प्रोजेक्ट की कॉस्ट 12000 करोड़ रुपये से अधिक है. जिसमें एक किलोमीटर की लागत तकरीबन 182 करोड़ रुपये पड़ रही है. दूसरी तरफ यह जानना भी जरूरी है कि केंद्रीय कैबिनेट ने इंदौर मेट्रो रूट के फेस वन लाइन-3 को 34 किलोमीटर लंबा बनाया है.
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