Hanuman Jayanti 2022: एमपी के सिंगरौली में है ऐसा अनोखा मंदिर, जहां हनुमान जी की पूजा के पहले दी जाती है नारियल की बलि, देखें तस्वीरें
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में ऋषि श्रृंगी मुनि की तपोस्थली भूमि सिंगरौली (Singrauli) की धरा पर कई धरोहरों की थाती संजोए है. यहां के ऊर्जांचल क्षेत्र में औड़ी पहाड़ी पर झिंगुरदा हनुमान मंदिर (Jhingurda Hanuman Mandir) स्थित है. सिद्धपीठ की मान्यता रखने वाला दुनिया का यह इकलौता ऐसा मंदिर है, जहां लड्डू, फूल-माला चढ़ाने से पहले नारियल की बलि चढ़ाई जाती है.
यहां मन्नत के लिए भी चुनरी में नारियल बांधने और मुराद पूरी होने पर इसे खोलकर भंडारा और शृंगार की परंपरा वर्षों से बनी हुई है.
यहां भगवान विष्णु को विशेष रूप से अर्पित होने वाला कमल चढ़ाने की परंपरा है. इसके लिए फूल यहां से महज दो से तीन किमी की दूरी पर प्राकृतिक सुषमा समेटे टिप्पा झरिया सरोवर से लाए जाते हैं. झरिया सरोवर में साल के बारहों महीने कमल खिला रहता है. यह आकर्षण का केंद्र तो है ही, साथ ही भक्त इसे किसी चमत्कार से कम नहीं मानते हैं.
मंदिर के मुख्य पुजारी रामलल्लू पांडेय बताते हैं कि इस स्थल पर दो हजार साल पहले खुद ब खुद मूर्ति प्रकट हुई थी. बाद के दिनों में सिंगरौली राजघराने ने विधिवत पूजन-अर्चन शुरू कराया. 200 साल पूर्व सिंगरौली राजघराने की तरफ से यहां दक्षिण भारत की शैली में भव्य हनुमान मंदिर का निर्माण भी कराया गया. उनका दावा है कि छत्रपति शिवाजी के काल में समर्थ गुरु रामदास ने भी यहां आकर हनुमानजी की आराधना की थी. उन्होंने बताया कि उनका परिवार आठ पीढ़ी से यहां पुजारी की परंपरा निभा रहा है.
तांत्रिकों की नजर में भी यह सिद्धपीठ काफी महत्वपूर्ण है. दीपावली पर लगने वाला पांच दिवसीय मेला सिर्फ मध्य प्रदेश और यूपी के सीमावर्ती जिलों के लिए ही नहीं, देश, विदेश तक के लिए श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बना रहता है. यहां पूरी होती मुरादें और हरियाली से भरा आस-पास का इलाका सभी को खूब लुभाता है. यह मंदिर सिंगरौली जिला मुख्यालय से महज 40 किमी की दूरी पर स्थित है. यहां हमेशा भक्तों की भीड़ लगी रहती है. ऐसी मान्यता है कि यहां हर भक्त की मुराद पूरी हो जाती है.