Hijab Row: 'स्कूल-कॉलेज में हिजाब पहनने की इजाजत नहीं', हाईकोर्ट के फैसले पर भड़के ओवैसी और उमर अबदुल्ला, जानें बाकी नेताओं का रिएक्शन
Hijab Row: हिजाब को लेकर जारी विवाद के बीच कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka High Court) ने मंगलवार को बड़ा फैसला सुनाया है. मामले की सुनवाई करते हुए कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा कि हिजाब (Hijab) इस्लाम धर्म का अनिवार्य हिस्सा नहीं है और स्कूल छात्रा यूनिफॉर्म पहनने से इनकार नहीं कर सकते हैं. वहीं कोर्ट के फैसले के बाद राजनीति भी तेज हो गई है. AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी सहित कई नेताओं ने इस पर प्रतिक्रिया दी हैं.
यूपी के मथुरा से सांसद हेमा मालिनी ने कहा कि सही बात है. यूनिफॉर्म पहनकर जाना चाहिए. मुस्लिम लोग भी एक्सेप्ट करते हैं कि हिजाब पहनकर नहीं जाना चाहिए.
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले पर असहमति जताई है. ओवैसी ने हाईकोर्ट के फैसले के बाद बैक टू बैक कई ट्वीट किए हैं. उन्होंने अपने एक ट्विट में लिखा है, ‘ मैं कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले से सहमत नहीं हूं. फैसले से असहम होना मेरा हक है. मुझे उम्मीद है कि याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट जाएंगे.’ ओवैसी ने इसके बाद एक और ट्वीट किया जिसमें उन्होंने लिखा कि, ‘मुझे उम्मीद है कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के साथ बाकी संगठन भी इस फैसले के खिलाफ अपील करें.
वहीं बीजेपी के लोकसभा सांसद अश्विनी चौबे ने कहा, यह तो होना ही चाहिए. कोर्ट ने जो किया वह ठीक ही है. स्कूल के अपने नियम कानून हैं. उसे लागू किया जाना चाहिए.
वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मलिकार्जुन खड़गे ने कहा, अभी फैसला देखा नहीं है. फैसला देखने के बाद टिप्पणी करूंगा.
कर्नाटक हाईकोर्ट के हिजाब फैसले पर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि, हाई कोर्ट के निर्णय का स्वागत करता हूं. सभी लोगों से अपील करता हूं कि देश और राज्य को आगे बढ़ाएं. हम सबको शांती का माहौल बनाकर रखना है. छात्रों का मूलभूत काम अध्ययन और ज्ञान अर्जित करना है. सब लोग एक होकर पढ़ाई करें.
कानून राज्यमंत्री एसपी सिंह बघेल ने कहा कि, वैसे भी स्कूल के अपने नियम कानून होते हैं और स्कूलों में हिजाब पहन कर जाना ठीक नहीं. स्कूल के अपने कोड ऑफ कंडक्ट हैं और उसे ही मानना चाहिए कुछ लोग हैं जो फालतू का माहौल बना रहे हैं.
कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले पर रूपा गांगुली ने कहा कि मैं इस फैसले से बहुत खुश हूं.
शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने इस मुद्दे पर कहा कि हिजाब कभी भी धर्म का हिस्सा नहीं था. इसको बेवजह तूल दिया गया क्योंकि पांच राज्यों में चुनाव थे. वहीं आरजेडी सांसद मनोज झा ने भी यही बात कही. उन्होंने कहा कि यह चुनावी मुद्दा था, जिसे राजनीति के चलते तूल दिया गया.
वहीं उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर कहा कि, “कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले से बेहद निराश हूं. आप हिजाब के बारे में क्या सोच सकते हैं, यह कपड़ों के बारे में नहीं है, यह एक महिला के अधिकार के बारे में है कि वह कैसे कपड़े पहनना चाहती है. अदालत ने इस मूल अधिकार को बरकरार नहीं रखा, यह एक मजाक है.