Anji Khad Bridge Pics: इंजीनीयरिंग की मिसाल, 331 मीटर ऊंचे पुल का काम लगभग पूरा, तस्वीरों में देखें पहला रेल केबल ब्रिज
उत्तर रेलवे के अधिकारियों ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में अंजी नदी पर इस साल मई तक भारत के पहले केबल आधारित रेल पुल के बनकर तैयार होने की उम्मीद है.
उन्होंने कहा कि तैयार होने के बाद जम्मू से करीब 80 किलोमीटर दूर बन रहे इस पुल पर ट्रेन 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेंगी.
कटरा और रियासी स्टेशनों के बीच बनाया जा रहा अंजी पुल केंद्र-शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में पड़ता है.
यह पुल इंजीनियरिंग का अद्भुत नमूना है, जिसे बनाने का काम अपने अंतिम चरण में है. ये पुल कटरा को रियासी से जोड़ने का काम करेगा.
अंजी नदी के ऊपर रियासी जिले में स्थित, पुल चुनौतीपूर्ण उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक का एक हिस्सा है, जहां रेल अधिक ऊंचाई पर हिमालय से होकर गुजरती हैं.
केबल आधारित यह रेल पुल महत्वाकांक्षी उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला-रेल लिंक (यूएसबीआरएल) परियोजना का हिस्सा है, जिसका निर्माण केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अगले साल पूरा करने की घोषणा की थी.
अधिकारी ने कहा, ‘‘हम पहले ही 47 में से 41 खंड पर काम पूरा कर चुके हैं. हमें उम्मीद है कि शेष खंड पर काम अप्रैल के अंत तक या मई के पहले सप्ताह में पूरा कर लिया जाएगा.’’
इस ब्रिज को बनाने की जिम्मेदारी कोंकण रेलवे कार्पोरेशन को सौंपी गई है. उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना को कोंकण रेलवे कार्पोरेशन लिमिटेड विकसित कर रहा है. जिस जगह पर ये पुल बनाया गया है, उस स्थान का भू-विज्ञान काफी जटिल है.
ऐसे में अत्यधिक टूटी हुई और संयुक्त चट्टानों के बीच इसका निर्माण किया गया है. जानकारी के अनुसार, इसे बनाने में लगभग 28000 करोड़ रुपये की लागत आई है.
ये ऐसा जटिल क्षेत्र है, जहां चिनाब नदी के पार बनाए जा रहे पुल के समान एक आर्च ब्रिज का निर्माण करना लगभग असंभव सा है. अंजी खड्ड पुल ढलान को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है.
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पुल को बनाते वक्त इस बात का ध्यान में रखा गया है कि यह भारी तूफानों से निपट सके. इसे 96 केबलों का सपोर्ट दिया गया है. इसे बनाने में बेहद एडवांस तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है.
रेल के अनुसार इस पुल की लंबाई 473.25 मीटर है, जो नदी तल से करीब 331 मीटर की ऊंचाई पर बना है.