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Photos: अलविदा जुमा को यौम-ए-कुद्स के रूप में मनाया, कारगिल में विशाल रैली का आयोजन
Alvida Jumma Mubarak 2025: कुद्स दिवस पर कारगिल में विशाल रैली का आयोजन किया गया. जुमे की नमाज के बाद प्रदर्शनकारियों ने मस्जिद अल-अक्सा पर अवैध कब्जे का विरोध किया.
कारगिल में कुद्स दिवस पर प्रदर्शनकारियों ने मस्जिद अल-अक्सा पर अवैध कब्जे का किया विरोध
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कारगिल वासियों ने अलविदा जुमा को यौम-ए-कुद्स के रूप में मनाया. जुमे की नमाज के बाद रैली का आयोजन किया गया. फिलिस्तीन के साथ एकजुटता प्रदर्शित करते हुए प्रदर्शनकारियों ने मस्जिद अल-अक्सा पर अवैध कब्जे का विरोध किया. रैली इस्ना अशरिया कैंपस कारगिल से शुरू होकर मुख्य बाजार होते हुए इस्ना अशरिया चौक पर समाप्त हुई.
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मरकजी इमाम जुम्मा वल जमात, हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन शेख इब्राहिम खलीली के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों ने फिलिस्तीन पर इजरायली हमले की निंदा की. विरोध प्रदर्शन में धार्मिक विद्वान, युवा नेता और नागरिक समाज के लोग बड़ी संख्या में लोगों ने मौजूद रहे. प्रदर्शनकारियों ने फिलिस्तीन, लेबनान, सीरिया, यमन और पाकिस्तान में किए जा रहे नरसंहार और युद्ध अपराध पर लगाम लगाने की मांग की.
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'फिलिस्तीन को आजाद करो', 'इजराइल का बहिष्कार करो,' 'मुसलमानों के खिलाफ अत्याचार बंद करो' की हाथों में तख्तियां लेकर रोजेदार सड़कों पर उतरे. उन्होंने गाजा पर कब्जे और अन्यायपूर्ण घेराबंदी को तुरंत समाप्त करने की मांग की. रैली की शुरुआत पवित्र कुरान के पाठ से हुई.
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धरना प्रदर्शन को मोहम्मद हसन हुंदरमानी, हुज्जतुल इस्लाम वाल मुस्लिमीन शेख अब्दुल्ला मजानी और जमीयत उल उलेमा इस्ना अशरिया कारगिल (JUIAK) के अध्यक्ष शेख नजीर मेहदी मोहम्मदी ने संबोधित किया. शेख नजीर मेहदी मोहम्मदी ने कहा, "फिलिस्तीनी मुक्ति के संघर्ष में वैश्विक मुस्लिम समुदाय को एकजुट होने की जरूरत है.
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इमाम खुमैनी की शिक्षाओं को याद करते हुए कहा कि कुद्स दिवस को उत्पीड़न के खिलाफ प्रतिरोध का दिन घोषित किया था." उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों की चुप्पी की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि फिलिस्तीन की घेराबंदी मानवीय गरिमा, स्वतंत्रता और अंतर्राष्ट्रीय कानून पर हमला है. प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान के पाराचिनार में शिया समुदाय की प्रताड़ना का मुद्दा भी उठाया.
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उन्होंने हिंसक हमलों, सांप्रदायिक भेदभाव और अल्पसंख्यक समुदाय पर लगाए गए प्रतिबंधों की निंदा की. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हस्तक्षेप करने और बुनियादी मानवाधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया. शेख नजीर ने बौद्ध विरासत स्थलों पर अवैध कब्जे का जिक्र किया.
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उन्होंने जोर देकर कहा कि कुद्स दिवस केवल फिलिस्तीन के बारे में नहीं है, बल्कि धर्म या जातीयता की परवाह किए बिना दुनिया भर में उत्पीड़न और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने का आह्वान है. उन्होंने संसद में वक्फ विधेयक पेश किए जाने की कड़ी निंदा की. धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप बताते हुए उन्होंने घोषणा की कि पूरे भारत में मुस्लिम समुदाय विधेयक के खिलाफ हैं.
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प्रदर्शनकारियों ने संयुक्त राष्ट्र और विश्व नेताओं से हस्तक्षेप करने और इजरायल के रंगभेद शासन को खत्म करने का आग्रह किया. विरोध प्रदर्शन का समापन मरकजी इमाम जुम्मा शेख इब्राहिम खलीली की अगुवाई में विशेष प्रार्थना के साथ हुआ. मुसलमानों ने दुनिया भर में शांति, समृद्धि और सांप्रदायिक सद्भाव की कामना की.
Published at : 28 Mar 2025 09:56 PM (IST)
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