Dwarkadhish Temple: भगवान कृष्ण के परपोते द्वारा बनाया गया वो मंदिर जहां पर है 'स्वर्ग द्वार', देखें सुंदर तस्वीरें
देवभूमि द्वारका में आने वाले पर्यटकों के लिए द्वारकाधीश मंदिर मुख्य आकर्षणों में से एक है. ऐसा माना जाता है कि द्वारकाधीश मंदिर भगवान कृष्ण के परपोते वज्रनाभ द्वारा 2500 साल पहले स्थापित किया गया था. प्राचीन मंदिर का कई बार जीर्णोद्धार किया गया है. ये खूबसूरत मंदिर एक छोटी सी पहाड़ी पर खड़ा है, जहां जाने के लिए 50 से अधिक सीढ़ियां हैं. इस मंदिर में तराशी हुई दीवारें हैं जो मुख्य कृष्ण की मूर्ति के साथ-साथ मंदिर को और सुंदर बनाती है. मंदिर परिसर के चारों ओर अन्य छोटे-छोटे मंदिर हैं. इस मंदिर की दीवारों पर पौराणिक चरित्रों को खूब बारीकी से उकेरा गया है, जिसकी खूबसूरती देखकर आपका मन खुश हो जाएगा. मंदिर के प्रवेश और निकास के लिए दो दरवाजे हैं. एक दरवाजे का नाम स्वर्ग है और दूसरे दरवाजे का नाम मोक्ष है.
ऐसा माना जाता है कि भगवान कृष्ण उत्तर प्रदेश के ब्रज से शहर बनाने के लिए यहां पहुंचे थे. मंदिर की स्थापना उनके पोते ने की थी. यह गोमती नदी और अरब सागर के मध्य में है, जो आध्यात्मिक स्थल को एक सुंदर पृष्ठभूमि प्रदान करता है.
ऐसा कहा जाता है कि द्वारका छह बार समुद्र में डूबा था और अब हम जो देखते हैं वह उसका सातवां अवतार है. मंदिर में अपने आप में एक आकर्षक कथा है. 1472 में महमूद बेगड़ा द्वारा मूल संरचना को नष्ट कर दिया गया था, और बाद में 15वीं-16वीं शताब्दी में इसका पुनर्निर्माण किया गया.
घूमने का सबसे अच्छा समय: द्वारकाधीश मंदिर देवभूमि द्वारका में स्थित है. इस मंदिर में घूमने का सबसे अच्छा समय नवंबर और फरवरी के बीच, और जन्माष्टमी के दौरान माना जाता है. यहां भव्य रूप से जन्माष्ठमी मनाई जाती है.
द्वारकाधीश मंदिर में जाने की टाइमिंग: द्वारकाधीश मंदिर में आप 7AM-12:30PM और 5PM-9PM तक जा सकते हैं.
द्वारकाधीश मंदिर कैसे जाएं: द्वारकाधीश मंदिर के लिए यहां बस, ट्रेन और फ्लाइट चलती है. आप किसी भी माध्यम से यहां पहुंच सकते हैं. द्वारका में बस और रेल की अच्छी कनेक्टिविटी है. अगर आप फ्लाइट से आना चाहते हैं तो बता दें, द्वारका के नजदीक दो एयरपोर्ट हैं. पहला पोरबंदर (95 किमी) और दूसरा जामनगर (145 किमी) हैं.