Sawan Somwar 2024: दिल्ली के शिवालयों में सावन की पहली सोमवारी पर उमड़ी भक्तों की भीड़, आज का दिन क्यों है खास?
लोगों का मानना है कि आज के दिन भगवान भोले की पूजा और दर्शन करने से उनका भरपूर आशीर्वाद प्राप्त होता है. आज सावन के पहले दिन और पहले सोमवार पर शिवालयों में भगवान भोले की पूजा और जलाभिषेक के लिए भोले के भक्त सुबह से ही मंदिरों में लाइन में लगे हैं. वहां का माहौल मंदिर में लगे घंटों की आवाज के साथ हर-हर महादेव और बम-बम भोले के जयकारे गुंजायमान रहा.
ककरौला मोड़ स्थित वर्षों पुराने और प्रसिद्ध शिव मंदिर में सुबह से भक्तों की भीड़ उमड़ी दिखी. महिलाओं के साथ पुरुष, बुजर्ग और बच्चे भी महादेव के दर्शन के लिए वहां पहुंचे.
भक्तों में भोलेनाथ की पूजा को लेकर गजब का उत्साह देखने को मिला. मंदिर के बाहर भी काफी रौनक नजर देखने को मिला. हर तरफ महादेव को चढ़ाए जाने वाले फूल-बेलपत्र, भांग-धतूरे आदि की दुकानें सजी हुई हैं, और लोग इसे खरीदने के लिए दुकानों के इर्द-गिर्द घेरा लगा कर फूल-बेलपत्र आदि खरीद रहे हैं.
मंदिर परिसर के भीतर पहुंचे भक्त लंबी कतारों में खड़े हो कर पूरी श्रद्धा-भक्ति के साथ भोले का जयकारा करते हुए अपनी बारी की प्रतीक्षा कर रहे हैं, जिससे वे उनकी पूजा कर जलाभिषेक कर सकें.
शिव मंदिर के पुजारी अजय कुमार ओझा ने एबीपी लाइव संवादाता को बताया कि हिंदू धर्म में भगवान भोले के प्रति लोगों की विशेष आस्था होती है. पूरे सावण महीने में खास तौर पर आज सोमवार के दिन लोग महादेव की प्रसन्नता और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए पूजा कर, भांग, धतूरे, बेल-पत्र और दूध आदि से इनका अभिषेक करते हैं. महादेव की पूजा कर लोग सुख-समृद्धि और मनोकामनाओं की पूर्ति की कामना करते हैं.
शिव की पूजा से काल सर्प दोष, ग्रह दोष और विष दोष आदि दूर हो जाते हैं. सोमवार के दिन को महादेव का दिन माना जाता है और सावन के महीने के सोमवार का तो खास महत्व होता है. आज के दिन पूजा के अलावा कई महिलाएं-युवतियां सोमवारी व्रत रख कर भगवान भोलेनाथ की कथा आदि का भी पाठ करती हैं.
ककरौला मोड़ के इस वर्षों पुराने और प्रसिद्ध मंदिर की तो, इस मंदिर को लेकर स्थानीय लोगों समेत आसपास के लोगों में इस मंदिर को लेकर विशेष आस्था और श्रद्धा है. इसलिए, सामान्य दिनों में भी यहां भक्तों की भीड़ लगी रहती है. जबकि सावन महीने में तो इस मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है.