Navratri 2025: दिल्ली के झंडेवालान मंदिर में नवरात्रि की धूम, तस्वीरों में देखें भक्तों का महासमागम
राजधानी दिल्ली के मध्य में स्थित झंडेवालान मंदिर न केवल दिल्ली-एनसीआर बल्कि पूरे भारत में प्रसिद्ध है और भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है. यह मंदिर, श्रद्धा और भक्ति का एक अनोखा संगम है, जहां का माहौल नवरात्रि के दौरान और भी भक्तिमय होकर दिव्यता और आध्यात्मिक ऊर्जा से सराबोर हो जाता है.
हर दिन यहां हजारों श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए पहुंचते हैं, जिनमें से कई दूर-दराज के राज्यों और यहां तक कि विदेशों से भी आते हैं. झंडेवालान मंदिर की स्थापना 18वीं शताब्दी में हुई थी. किंवदंती के अनुसार, बद्री दास नामक एक व्यापारी को सपने में देवी मां के दर्शन हुए थे.
देवी के निर्देशानुसार जब उन्होंने इस स्थान पर खुदाई करवाई, तो माता की दिव्य मूर्ति का प्रकट हुआ. इस चमत्कारी घटना के बाद मंदिर का निर्माण हुआ और तब से यह स्थान भक्तों के लिए आस्था और शक्ति का केंद्र बन गया. नवरात्रि में झंडेवालान मंदिर का माहौल अलौकिक हो जाता है.
माता के दरबार को भव्य रूप से फूलों, रोशनी और पारंपरिक सजावट से सजाया गया है. मंदिर के पुजारी बताया कि नवरात्रि की शुरुआत घटस्थापना से होती है, जिसमें कलश पूजन, मंत्रोच्चार और गंगाजल से अभिषेक किया जाता है.
पूरे नौ दिनों तक भक्त मां के विभिन्न स्वरूपों की पूजा करते हैं, जिससे उन्हें आध्यात्मिक ऊर्जा और आंतरिक शांति की अनुभूति होती है. नवरात्रि के दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है. लोग सुबह 4 बजे से ही लाइन में लग जाते हैं, और कई घंटों के इंतजार के बाद माता के दर्शन कर पाते हैं.
प्रशासन ने भीड़ को नियंत्रित करने और भक्तों की सुविधा के लिए विशेष इंतजाम किए हैं. मंदिर में दर्शन का समय सीमित होने के बावजूद, भक्तों का उत्साह देखने लायक होता है. मंदिर तक पहुंचना बेहद आसान है. दिल्ली मेट्रो की ब्लू लाइन के झंडेवालान स्टेशन से यहां पैदल जाया जा सकता है.
इसके अलावा, बस और निजी वाहनों से भी मंदिर तक आसानी से पहुंचा जा सकता है. झंडेवालान मंदिर केवल एक पूजा स्थल नहीं, बल्कि यह आस्था, शक्ति और भक्ति का प्रतीक है.
नवरात्रि के दौरान यहां की आध्यात्मिक ऊर्जा भक्तों को एक नई प्रेरणा देती है. जो भी यहां माता के दर्शन करने आते हैं, वे अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव का अनुभव करते हैं. यही कारण है कि सदियों से यह मंदिर भक्तों की आध्यात्मिक आस्था का केंद्र बना हुआ है.