Omicron Coronavirus New Variant: कितना खतरनाक है कोरोना वायरस का नया वेरिएंट ‘ओमीक्रोन’, जानिए क्या कहते हैं वैज्ञानिक
दुनियाभर में कोरोना वायरस के नए वेरिएंट को लेकर हड़कंप मचा हुआ है. भारत में भी इसे लेकर एसओपी जारी की गई है. विदेश से आने वालों की जांच की जा रही है. अभी यह साफ नहीं है कि पहली बार इसका मामला कहां आया लेकिन बताया जा रहा है कि इसका पहला मामला दक्षिण अफ्रीका में आया.
वैज्ञानिकों ने हाल के दिनों में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को इसे लेकर सतर्क किया. अब इसके मामले ऑस्ट्रेलिया, इज़राइल, नीदरलैंड सहित कई देशों में भी सामने आ रहे हैं. डब्ल्यूएचओ ने शुक्रवार को बताया कि यह इसका चिंताजनक स्वरूप है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ‘ओमीक्रोन’ नाम दिया है.
दक्षिण अफ्रीका के स्वास्थ्य मंत्री जो फाहला ने कहा कि यह स्वरूप पिछले कुछ दिनों में संक्रमण के मामलों में हुई ‘‘बेतहाशा वृद्धि’’ के लिए जिम्मेदार है. देश में हाल के हफ्तों में हर दिन करीब 200 नये मामले सामने आने के बाद, दक्षिण अफ्रीका में शनिवार को 3,200 से अधिक नये मामले सामने आए. इनमें से अधिकांश गोतेंग में सामने आए.
संक्रमण के मामलों में अचानक वृद्धि को समझा पाने में संघर्ष कर रहे वैज्ञानिकों ने वायरस के नमूनों का अध्ययन किया और नये स्वरूप की खोज की. अब, ‘क्वाजुलु-नताल रिसर्च इनोवेशन एवं सीक्वेंसिंग प्लेटफॉर्म’ की निदेशक तुलिया डी ओलिवेरा के मुताबिक गोतेंग में 90 प्रतिशत से अधिक मामले इसी स्वरूप के हैं.
ब्रिटेन के कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में कोविड-19 की जीनोम सीक्वेंसिंग की अगुवाई करने वाली शेरोन पीकॉक ने कहा कि अब तक के आंकड़ों से पता चलता है कि नये स्वरूप में परिवर्तन ‘‘बढ़े हुए प्रसार के अनुरूप’’ है, लेकिन कई परिवर्तनों के असर का अब भी पता नहीं चल पाया है.’’वारविक विश्वविद्यालय के विषाणु विज्ञानी लॉरेंस यंग ने ‘ओमीक्रोन’ को कोविड-19 का ‘‘अब तक का सबसे अधिक परिवर्तित स्वरूप बताया, जिसमें संभावित रूप से चिंताजनक परिवर्तन शामिल हैं जो पहले कभी भी एक ही वायरस में नहीं देखे गए थे.
वैज्ञानिकों को पता चला है कि ‘ओमीक्रोन’ बीटा और डेल्टा स्वरूप सहित पिछले स्वरूपों से आनुवंशिक रूप से अलग है, लेकिन यह नहीं पता चल पाया कि क्या ये आनुवंशिक परिवर्तन इसे और अधिक संक्रामक या घातक बनाते हैं. अब तक, कोई संकेत नहीं मिले हैं कि स्वरूप अधिक गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है. यह पता करने में संभवत: हफ्तों लग सकते हैं कि क्या ओमीक्रोन अधिक संक्रामक है और क्या टीके इसके खिलाफ प्रभावी हैं या नहीं.
कोरोना वायरस संक्रमण फैलने के साथ ही अपना रूप बदलता रहता है और इसके नए स्वरूप सामने आते हैं, जिनमें से कुछ काफी घातक होते हैं लेकिन कई बार वे खुद ही खत्म भी हो जाते हैं. वैज्ञानिक उन संभावित स्वरूपों पर नजर रखते हैं, जो अधिक संक्रामक या घातक हो सकते हैं. वैज्ञानिक यह भी पता लगाने की कोशिश करते हैं कि क्या नया स्वरूप जन स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है या नहीं. पीकॉक ने कहा कि यह नया स्वरूप ‘‘किसी ऐसे व्यक्ति में विकसित हुआ हो सकता है जो संक्रमित था...’’