छत्तीसगढ़: खुद बीमार पड़ा स्वास्थ्य मंत्री के विधानसभा क्षेत्र का अस्पताल, बरामदे में हो रहा मरीजों का इलाज
मनेन्द्रगढ़ विधानसभा क्षेत्र में दिया तले अंधेरा वाली कहावत सही साबित हो रही है. दरअसल, स्वास्थ्य मंत्री के विधानसभा क्षेत्र में ही अस्पताल की हालत ऐसी है कि मरीजों को यहां बरामदे में ही इलाज करवाना पड़ता है.
मनेंन्द्रगढ में वर्षों से संचालित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में मूलभूत सुविधाओं की कमी के चलते यहां आने वाले मरीजों को अनेकों परेशानियों से जूझना पड़ता है.
मनेन्द्रगढ शहर को भले ही जिला मुख्यालय का दर्ज़ा मिल गया हो परंतु स्वास्थ्य व्यवस्था के मामले में आज भी शहर एवं आसपास के लोग वर्षों पूर्व निर्मित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर ही निर्भर है.
मनेंन्द्रगढ के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में दिन प्रतिदिन मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. मगर व्यवस्था के आभाव में दम तोड़ता सरकारी अस्पताल मरीजों को बेहतर इलाज दे पाने में कहीं ना कही खुद को बेबस व लाचार महसूस कर रहा है.
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल का विधानसभा क्षेत्र होने के बावजूद मनेन्द्रगढ का सरकारी अस्पताल वार्ड की कमी के कारण जनता को स्वास्थ्य सुविधा देने में नाकाम साबित हो रहा है.
वार्ड ना होने की दशा में मरीजों को या तो अस्पताल के खुले बरामदे में रखा जाता हैं, या फिर मरीजों को अन्य अस्पताल के लिए रेफर कर दिया जाता है.
इस संबंध में एमसीबी जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ सुरेश तिवारी का कहना है मनेंद्रगढ़ अस्पताल को आज से दस साल पहले 100 बेड हॉस्पिटल हो जाना चाहिए था. यहां मरीजों के लिए वार्ड की कमी है. इसके साथ ही शहर के बीच में है तो कंजस्टेड है. इस कारण से दिक्कत है.