Durg News: बरसाती बीमारियों का डर, स्वास्थ्य विभाग अलर्ट- देखें तस्वीरें
छत्तसीसगढ़ के दु्र्ग में गर्मी अपने अंतिम चरण पर है. लोग गर्मी से तो बेहाल हैं, लेकिन अभी से बरसात में होने वाली बीमारियों का डर भी सताने लगा है. लोगों की मानें तो शहरों में नालियों की साफ सफाई नहीं हुई है. जिसकी वजह से बरसात का पानी इकट्ठा होगा और उससे कई तरह की बीमारियां होने की संभावना है. बरसाती बीमारियों को देखते हुए स्वास्थ विभाग भी अलर्ट मोड पर है और तैयारी में जुट गया है.
अक्सर देखा जाता है कि बरसात के समय हैजा, डायरिया, डेंगू, मलेरिया जैसे कई बीमारियां बढ़ने की संभावना होती है. इसकी सबसे बड़ी वजह होती है कि आसपास के इलाकों में गंदगी और पानी का ठहराव. जिसकी वजह से इन बीमारियों को पैदा करने वाले मच्छर बड़ी तादाद में पनपते हैं.
गंदगी की वजह से लोगों को बरसात में होने वाली बीमारियों से जूझना पड़ता है. ज्यादातर लोगों में संक्रमण होने की संभावना बढ़ जाती है. ऐसे में स्वास्थ विभाग बरसात से होने वाली बीमारियों को रोकने के लिए कमर कस ली है.
दुर्ग के सीएचएमओ जेपी मेश्राम ने बताया कि अक्सर बरसात के समय मच्छर और मक्खियों के बढ़ने की संभावना ज्यादा होती है. जिसकी वजह से हैजा, डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारी लोगों को ज्यादा होती है. स्वास्थ विभाग ने इस साल इन बीमारियों को रोकने के लिए पूरी तैयारी कर ली है.
जेपी मेश्राम ने बताया कि शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक स्वास्थ्य विभाग की टीम मुस्तैद है. इस बार छत्तीसगढ़ के पाटन में देश के पहले ब्लॉक सर्विलेंस यूनिट (आईडीएसपी) की शुरुआत की गई है. इससे कहीं भी किसी तरह की बीमारी फैलती है तो तत्काल स्वास्थ्य अमले को ऑनलाइन जानकारी मिल जाएगी और तत्काल उन इलाकों पर स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंचकर लोगों के इलाज में जुट जाएगी.
iदुर्ग जिला प्रशासन भी बरसात में होने वाली बीमारियों को लेकर अलर्ट पर है. जिला प्रशासन शहरों के बड़े और छोटे नालों की सफाई कर रहा है जिससे बरसात के पानी का ठहराव हो ना हो. क्योंकि, बरसात में गंदगी और पानी का ठहराव होने से बीमारी फैलाने वाले मच्छर ज्यादा तादात में पनपते हैं. जिससे कई तरह की बीमारियां होने की संभावना रहती है.
जिला प्रशासन की तरफ से शहर के तमाम छोटे-बड़े नालों की सफाई का कार्य किया जा रहा है. साथ ही लोगों से अपील भी की जा रही है कि, घरों में रखें कूलर का पानी इकट्ठा ना होने दें ताकि मच्छर ना पनप सकें.