New Year 2024: गुफाओं का ऐसा नगर जहां भगवान राम के पड़े थे कदम, नए साल का जश्न मनाने लगा पर्यटकों का तांता
2 साल पहले यहां केवल 7 गुफाएं ही प्रसिद्ध थीं, लेकिन पिछले 3 वर्षों में इस इलाके के ग्रामीणों ने 7 नए गुफाओं की खोज की है, अब इनकी संख्या 14 हो गई है.
इन गुफाओं में से 6 गुफाओं को देखने बड़ी संख्या में पर्यटक नए साल का जश्न मनाने पहुंचते हैं. ऐसा कहा जाता है कि इनमें से एक हरि गुफा में भगवान श्री राम के चरण पड़े थे.
गुफाओं का नगर कहे जाने वाला बस्तर जिले का दरभा ब्लॉक जगदलपुर शहर से 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. इस दरभा ब्लॉक में मौजूद कांगेर वैली नेशनल पार्क में 4 गुफा विश्व प्रसिद्ध है.
विशेषकर कोटममसर गुफा को पाताल लोक कहा जाता है, और इसकी तुलना अमेरिका में मौजूद कार्ल्सवार ऑफ केव से की जाती है. दरभा ब्लॉक में कैलाश गुफा, कोटमसर गुफा, दंडक गुफा,और अरण्यक गुफा के अलावा शीत गुफा मौजूद है. यह सभी गुफा कांगेर वैली में मौजूद है.
मांदरकोंटा गुफा, देवगिरी गुफा, हरि गुफा, झूमर गुफा और डूमर करपन गुफा और अन्य दरभा ब्लॉक के अलग-अलग क्षेत्रों में मौजूद है. सभी गुफाओं की अपनी अपनी खासियत है.
सभी की अलग-अलग बनावट है. प्राकृतिक रूप से मौजूद इन गुफाओं को सतयुग से भी जोड़ा जाता है. बस्तर के जानकारों विजय भारत, श्रीनिवास रथ और अनिल लुक्कड़ का कहना है कि अपने 14 वर्ष के वनवास के दौरान भगवान राम,लक्ष्मण और माता सीता दंडकारण्य से होकर ही तेलंगाना के भद्राचलम पहुंचे थे और इस दौरान उन्होंने हरी गुफा में समय बिताया था और तब से इस क्षेत्र को गुफाओं का नगर कहा जाने लगा.
14 गुफाओं में से केवल 6 गुफाओं को आम पर्यटकों के लिए साल में सिर्फ 6 महीने के लिए ही खोला जाता है. बारिश के महीने में इन गुफाओं में पर्यटकों की एंट्री पर रोक रहती है.