In Pics: नक्सलियों के कब्जे में रहे इस खूबसूरत वाटरफॉल से लोग थे अनजान, 22 साल बाद पर्यटकों से हुआ गुलजार
छत्तीसगढ़ के बस्तर को प्रकृति ने बड़ी खूबसूरती से तराशा है, यहां मौजूद घने जंगल, पहाड़, नदियां और यहां की खूबसूरत वादियों की वजह से बस्तर देश के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है, कल-कल बहती नदियां और यहां के खूबसूरत वाटरफॉल्स का नजारा शायद ही कहीं और देखने को मिलता है. चित्रकोट, तीरथगढ़, कांगेर जलधारा के अलावा बस्तर में ऐसे कई वाटरफॉल्स हैं जिससे देश दुनिया के लोग अंजान हैं.
बस्तर में नक्सलवाद की वजह से ऐसे कई वाटरफॉल हैं जो पर्यटन विभाग और पर्यटकों के नजर में नहीं आए हैं, लेकिन अब कुछ सालों में नक्सलियों के बैकफुट पर आने से इन वाटरफॉल्स तक आम पर्यटक भी पहुंचने लगे हैं.
दरअसल मलांगिर घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने की वजह से यहां पुलिस से लेकर कोई भी आम इंसान इस वाटरफॉल तक नहीं पहुंच सकता था. इस खूबसूरत वाटरफॉल को देख नक्सलियों ने खुद अपने इस इलाके के एरिया कमेटी का नाम मलांगीर एरिया कमेटी के नाम से ही रखा था. नक्सलियों के दरभा डिवीजन कमेटी के बाद मलांगिर एरिया कमेटी नक्सलियों की काफी पावरफुल कमेटी हुआ करती थी. लेकिन धीरे-धीरे इस इलाके में पुलिस की धमक से और हिरोली में नया पुलिस कैंप खुलने से एक बार फिर से मलांगिर वाटरफॉल आम पर्यटकों के लिए खुल चुका है और करीब 22 साल बाद फिर से इस पर्यटन स्थल में पर्यटकों की भीड़ देखी जा रही है.
रायपुर से करीब 500 किमी और दंतेवाड़ा जिला मुख्यालय से करीब 60 किलोमीटर दूर बैलाडीला के घने जंगलो में मलांगीर एरिया में यह वाटरफॉल स्थित है. जंगल और पहाड़ियों से घिरा हुआ मलांगिर वाटरफॉल का नजारा देखते ही बनता है. ये वाटरफॉल यहां पहुंचने वाले पर्यटकों का मन मोह लेता है.
इस वाटरफॉल को लाल आतंक की नजर लग गई थी, जिसके बाद सन् 2001 से इस वाटरफॉल पर नक्सलियों के सबसे बड़ी कमेटी में से एक मलांगिर एरिया कमेटी का कब्जा हो गया और फिर यहां आम लोगों का और पर्यटकों का आना-जाना पूरी तरह से बंद हो गया. नक्सली दहशत की वजह से इस वाटरफॉल तक तो क्या इस रूट पर भी कोई आना जाना नहीं कर सकता था.
करीब 22 साल तक कब्जे में रहने के बाद कुछ महीने से लगातार इस इलाके में पुलिस के एंटी नक्सल ऑपरेशन चलाने और नक्सलियों के भारी गोला बारूद का सामना करने के बाद आखिरकार पुलिस ने मलांगिर एरिया के पास मौजूद हिरोली गांव में नया पुलिस कैंप स्थापित कर लिया और लगातार इस इलाके में पुलिस के जवानों की गश्ती से नक्सली बैकफुट पर आए और आखिरकार अब फिर से इस वाटरफॉल को आम पर्यटकों के लिए खोल दिया गया, या यूं कहा जाये कि करीब 22 साल बाद नक्सलियों के कब्जे में रहे मलांगीर वाटरफॉल को मुक्त करा लिया गया.
अब यहां हर दिन बड़ी संख्या में आम पर्यटक भी पहुंचने लगे हैं और इस खूबसूरत वाटरफॉल की जमकर तारीफ कर रहे हैं. इसके अलावा सोशल मीडिया में भी अब इस खूबसूरत वाटरफॉल की वीडियो वायरल होने लगी है. ग्रामीणों ने बताया कि 12 महीने इस वाटरफॉल में पानी रहता है ,कल कल बहती जलप्रपात का नजारा बेहद खूबसूरत है और जो यहां पहुंचने वाले पर्यटकों का मन मोह लेता है.
मलांगिर एरिया में नक्सलियों के बैकफुट में आने के बाद यहां आसपास रहने वाले ग्रामीणों ने मांग की है कि अब इस क्षेत्र को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए, ताकि आसपास के ग्रामीणों को रोजगार मिल सके. साथ ही देश दुनिया से बस्तर घूमने आने वाले पर्यटक भी अब मलांगीर की खूबसूरत वाटरफॉल का नजारा देख सकें और इसका लुत्फ उठा सकें.