Chaath Puja 2021: दिल्ली, यूपी और बिहार में धूमधाम से मनाया गया छठ पर्व, तस्वीरों में देखें लोकआस्था के पर्व का अद्भुत नजारा
बेहद पवित्र और लोकआस्था के महापर्व छठ के चौथे दिन यानी आज दिल्ली, यूपी और बिहार में पूर्वांचलियों ने उगते सूर्य को अर्घ्य दिया. सुबह से ही घाटों पर आस्था का ऐसा जनसैलाब नजर आया कि पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया. फिर चाहे दिल्ली के घाट हों या यूपी के या बिहार के घाट, सभी जगह व्रतियों ने पानी में खड़े होकर भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया और अपनी मनोकामना पूर्ण करने की मनोरथ भी मांगी. आइए इस अद्भुत नजारे की तस्वीरें देखते हैं.
छठ पूजा के लिए पटना में मनेर, दानापुर से लेकर बाढ़, फतुहा और मोकामा तक घाटों पर काफी संख्या में व्रती और श्रद्धालुओं ने सूर्यदेव को अर्घ्य दिया. इस दौरान प्रशासन और स्थानीय पूजा समितियों द्वारा श्रद्धालुओ की सुविधा के लिए व्यापक बंदोबस्त किए गए थे. रौशनी से नहाए घाटों पर श्रद्धालुओं पूजा का सामान लिए हुए पानी में खड़े होकर भगवान सूर्य देव को अर्घ्य अर्पण करते नजर आए. व्रतियों ने अपने परिवार की सुख-समृद्धि और संतान की लंबी आयु की कामना भी की.
आज सूर्य देव को अर्घ्य देने के साथ ही चार दिवसीय छठ पूजा संपन्न हो गई. तस्वीरों में आप पटना के घाट का नजारा देख सकते हैं. सुबह से ही यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ नजर आई. बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने पटना के पाटीपुल घाट पर गंगा किनारे छठ की पूजा कर उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया. तो वहीं कुछ श्रद्धालु पटना कॉलेज घाट में सूर्यदेव की पूजा की.
दिल्ली में ठंड के बावजूद घाटों पर छठ व्रतियों की भारी भीड़ नजर आई. सभी व्रतियों ने पूरी श्रद्धा और भक्ति-भाव के साथ भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया और छठी मैया सो मनोकमाना पूर्ण करने की मन्नत मांगी. दिल्ली में श्रद्धालुओं ने छठ के आखिरी दिन शास्त्री पार्क में आर्टिफिशियल घाट बनाकर उगते हुए सूर्यदेव को अर्घ्य दिया.
छठ पूजा के अंतिम दिन दिल्ली में कालिंदी कुंज के पास जहरीले झाग के बावजूद यमुना नदी में श्रद्धालु डुबकी लगाते नजर आए.
उत्तर प्रदेश में भी विभिन्न घाटों पर श्रद्धालुओं ने आज सुबह भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया. इस दौरान महिलाएं हाथों में पूजा की थाल लिए काफी सजी-धजी नजर आई.
चार दिवसीय छठ पूजा का आज चौथा और आखिरी दिन है. कठिन व्रतो में से एक छठ का व्रत 36 घंटे तक निर्जला रखा जाता है. खरना के दिन शाम को गुड़ वाली खीर खाते हैं और फिर 36 घंटे तक निर्जला व्रत रखा जाता है. खरना के दिन ही छठ पूजा की सारी तैयारी कर ली जाती है.
छठ की शुरुआत सोमवार को नहाय-खाय के साथ हुई थी. मंगलावर को खरना हुआ. पर्व के तीसरे दिन व्रतियों ने डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया था और चौथे दिन यानी आज उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया गया, जिसके बाद प्रसाद वितरण भी हुआ. इन सबके बाद ही व्रती महिलाएं व्रत का पारण करती हैं.