Patna Waterlogging: 2 दिन की बारिश में पटना का हाल बेहाल, तस्वीरों में देखें लोगों की परेशानी
बारिश के पहले दिन सोमवार को पटना का अधिकांश इलाका जल मग्न रहा तो मंगलवार को भी कई इलाकों में अब तक जल जमाव की स्थिति बनी हुई है.
सोमवार की देर रात भी पटना में तीन से चार घंटे तक जमकर बारिश हुई और दोपहर में भी बारिश हुई है, दो दिन की बारिश के बाद स्मार्ट सिटी का दावा करने वाले नगर निगम की पोल खुल चुकी है.
राजेश नगर में ठेला हो या कोई भी गाड़ी हो 2 फीट पानी से होकर गुजर रहा है. कई जगहों पर तो 3 फीट 4 फीट में पानी लग रहा है और गाड़ियों का परिचालन भी ठप हो गया है.
मंत्री जीवेश मिश्रा और बुडको अध्यक्ष सह पटना नगर निगम आयुक्त अमिनेश परासर ने कई जगह संप हाउस का निरीक्षण भी किया और जल निकासी जोर शोर से की जा रही है. लेकिन पटना के कई इलाके ऐसे हैं, जहां तुरंत जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है.
पटना के ऊपरी इलाके की स्थिति ज्यादा खराब स्थिति में है. खासकर हथुआ मार्केट, तान मार्केट, रला मंदिर वाली गली इन जगहों में 2 से 3 फीट पानी है, जिससे लोगों आना-जाना मुश्किल हो गया है .
कदम कुआं, जनक किशोर रोड, नवल किशोर रोड, भट्टाचार्य रोड में दुकानों के किनारे एवं कई गलियों में जलजमाव है. आने- जाने के लिए एक से दो फिट पानी से गुजरना पड़ है. वही तंग गलियों में और ज्यादा खराब स्थिति है.
सबसे ज्यादा खराब स्थिति राजेंद्र नगर के रोड नंबर 8 रोड नंबर 6 में है. इससे पहले 2019 में जमकर बारिश हुई थी तो राजेंद्र नगर और अशोक राजपथ के किनारे के कई गलियां जलमग्न हो गई थीं.
उस वक्त नगर निगम ने बड़ा दावा किया था. आज फिर वही स्थिति देखने को मिल रही है. देखने से ऐसा लग रहा है कि चार साल में भी नगर निगम में कोई बदलाव नहीं किया है.
पटना शहरी क्षेत्र के सिर्फ पूर्वी इलाके नहीं पश्चिमी इलाके में भी जल जमाव की भयानक स्थिति बनी हुई है. पाटलिपुत्र के अधिकांश जगहों पर जलजमाव है, तो हज भवन के पास भी डेढ़ से 2 फीट जलजमाव की स्थिति बनी हुई है.
सोमवार को पटना जंक्शनऔर करबिगहिया इलाके में काफी जलजमाव था, लेकिन जल की निकासी कर दी गई है. हालांकि जलजमाव को लेकर नगर विकास विभाग एक्टिव मोड में है.