In Pics: कालचक्र मैदान में दिखा गजब का उत्साह, 60 से अधिक देशों से दलाई लामा को सुनने पहुंचे बौद्ध श्रद्धालु
तिब्बती आध्यात्मिक बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा बोधगया में एक महीने के प्रवास पर हैं. आज 29 दिसंबर से 31 दिसंबर तक बोधगया के कालचक्र मैदान में दलाई लामा तीन दिनों तक प्रवचन करेंगे. सुबह-सुबह घने कोहरे के बीच ही बौद्ध श्रद्धालु पहुंच गए थे.
प्रवचन के पहले दिन शुक्रवार को परम पावन नागार्जुन की इन स्थिति ऑफ धम्म धातु पर प्रवचन दिया. 31 दिसंबर को वे मंजूश्री सशक्तिकरण प्रदान करेंगे. मंजू श्री का आह्वान करते हुए दलाई लामा उनकी शक्ति को यहां श्रद्धालुओं में आने का प्रवचन देंगे.
प्रवचन कार्यक्रम के दौरान मल्टी लेयर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है. एसएसपी आशीष भारती ने बताया कि प्रवास व प्रवचन कार्यक्रम के दौरान अतिरिक्त पुलिस बलों की प्रतिनियुक्ति की गई है. डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम ने बताया कि सुरक्षा के दृष्टिकोण से सभी प्रबंध किए गए हैं.
प्रवचन के दौरान दलाई लामा तीन दिनों तक विशेष शैक्षणिक सत्र में अपने अनुयायियों को जीवन के बुनियादी सिद्धांतों को बताएंगे. प्रवचन कार्यक्रम सुबह 8 बजे से शुरू है. कालचक्र मैदान में दलाई लामा ने विश्व शांति की प्रार्थना के साथ पूजा का शुभारंभ किया. कालचक्र मैदान में बनाए गए ब्लेसिंग मुद्रा में भगवान बुद्ध की प्रतिमा का अनावरण भी करेंगे.
कालचक्र मैदान के सभी गेट खोले गए हैं. सभी गेट पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है. हैंड मेटल डिटेक्टर से समुचित जांच के बाद ही प्रवेश दिया जा रहा है.
प्रवचन कार्यक्रम में अमेरिका, जर्मन, स्पेन, कंबोडिया, रूस, इंडोनेशिया, मंगोलिया, जापान, ताइवान, लाओस, म्यांमार, ब्राजील, भूटान, तिब्बत सहित 60 देशों से अधिक देशों के करीब 70 हजार बौद्ध श्रद्धालु और अनुयायी शामिल हो रहे हैं.
श्रद्धालुओं के लिए एक लाख वर्ग फीट में जर्मन हैंगर पंडाल बनाया गया है. सुविधाओं का पूरा ख्याल रखा गया है.
घने कोहरे के बीच देश विदेश से आए बौद्ध श्रद्धालु दलाई लामा के प्रवचन सुनने और उन्हें देखने के लिए सुबह 5 बजे से ही बैठे दिखे.
कालचक्र मैदान के खुले में ही कोहरे के बीच अपनी अपनी भाषाओं में दलाई लामा के प्रवचन सुनते दिखे.