बिहार के इन नेताओं का केंद्र की राजनीति में रहा है बड़ा योगदान, तस्वीरों के जरिए जानिए इनके बारे में
बिहार के कई नेताओं का राज्य की राजनीति के साथ ही केंद्र की राजनीति में भी काफी अहम योगदान रहा है. इन नेताओं को जब भी केंद्र में कोई जिम्मेदारी मिली उसे न सिर्फ बखूबी निभाया बल्कि नई मिसाल कायम की. इसमें जॉर्ज फर्नांडिस, बाबू जगजीवन राम, लालू प्रसाद यादव, नीतीश कुमार, रामविलास पासवान, रघुवंश प्रसाद सिंह, शरद यादव जैसे नाम शामिल हैं. आइए जानते हैं इनके बारे में.
बाबू जगजीवन राम भारत के पहले दलित उप प्रधानमंत्री और चौथे उप प्रधानमंत्री थे. वे भारत के रक्षामंत्री भी रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार में कई मंत्रालयों का कार्यभार संभाला. भारत के संसदीय लोकतंत्र के विकास में उनका बड़ा योगदान रहा है. उनका जन्म बिहार के भोजपुर में हुआ था. वे कांग्रेस पार्टी के नेता थे. उन्हें बाबूजी भी कहा जाता है. वे 1952 से 1984 तक लगातार सांसद बने.
जॉर्ज फर्नांडिस का केंद्र की राजनीति में बड़ा योगदान रहा है. वे राज्यसभा और लोकसभा के सदस्य रह चुके हैं. वे अटल बिहारी वायपेई सरकार में देश के रक्षा मंत्री बने थे. वे केन्द्रीय मंत्रिमण्डल में रक्षा मंत्री, संचारमंत्री, उद्योगमंत्री, रेलमंत्री रह चुके हैं. वे 14वीं लोकसभा में बिहार के मुजफ्फरपुर से सांसद चुने गए थे. उन्होंने 1967-2004 तक 9 लोकसभा का चुनाव जीता.
दिवंगत केंद्रीय मंत्री रामबिलास पासवान बिहार के दिग्गज नेता थे. उनकी पार्टी का नाम लोक जनशक्ति पार्टी है. वे 9 बार लोकसभा या राज्यसभा सांसद रहे. वे पहली बार 1977 में हाजीपुर से लोकसभा का चुनाव जीते थे. वे केंद्र की अलग-अलग सरकारों में कई बार मंत्री रहे. 8 अक्टूबर 2020 को उनका देहांत हो गया.
शरद यादव 1974 में पहली बार मध्य प्रदेश की जबलपुर से लोकसभा सांसद चुने गए थे. वे जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे हैं. वे केंद्र सरकार में नागरिक उड्डयन मंत्री और दूसरे मंत्रालयों का भी कामकाज संभाल चुके हैं. बिहार के मधेपुरा से वे चार बार लोकसभा चुनाव जीते हैं. दो बार मध्य प्रदेश के जबलपुर से और एकबार यूपी के बदांयू से भी सांसद चुने गए हैं. वे सात बार लोकसभा सदस्य और तीन बार राज्यसभा सदस्य रहे हैं.
दिवंगत आरजेडी नेता रघुवंश प्रसाद सिंह केंद्र की यूपीए सरकार में ग्रामीण विकास कैबिनेट मंत्री रहे हैं. वे बिहार के वैशाली से लगातार चार बार लोकसभा सांसद रहे हैं. उन्हें लालू यादव का सबसे करीबी नेता माना जाता था. वे आरजेडी के उपाध्यक्ष भी थे. अपने अंतिम समय में उन्होंने आरजेडी से इस्तीफा दे दिया था.
बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू नेता नीतीश कुमार भी केंद्र सरकार में मंत्री रहे हैं. वे 1998-99 में अटल बिहारी वायपेई सरकार में केंद्र में मंत्री बने थे. मार्च 2001 से मई 2004 में वे फिर से रेलमंत्री बनाए गए. अपने कम समय के कार्यकाल में ही उन्हें रेलवे में कई सुधारों के लिए जाना जाता है. वे केंद्र में कृषि मंत्री भी रहे हैं.