✕
  • होम
  • इंडिया
  • विश्व
  • उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड
  • बिहार
  • दिल्ली NCR
  • महाराष्ट्र
  • राजस्थान
  • मध्य प्रदेश
  • हरियाणा
  • पंजाब
  • झारखंड
  • गुजरात
  • छत्तीसगढ़
  • हिमाचल प्रदेश
  • जम्मू और कश्मीर
  • बॉलीवुड
  • ओटीटी
  • टेलीविजन
  • तमिल सिनेमा
  • भोजपुरी सिनेमा
  • मूवी रिव्यू
  • रीजनल सिनेमा
  • क्रिकेट
  • आईपीएल
  • कबड्डी
  • हॉकी
  • WWE
  • ओलिंपिक
  • धर्म
  • राशिफल
  • अंक ज्योतिष
  • वास्तु शास्त्र
  • ग्रह गोचर
  • एस्ट्रो स्पेशल
  • बिजनेस
  • हेल्थ
  • रिलेशनशिप
  • ट्रैवल
  • फ़ूड
  • पैरेंटिंग
  • फैशन
  • होम टिप्स
  • GK
  • टेक
  • ऑटो
  • ट्रेंडिंग
  • शिक्षा

Naag Panchami 2024: समस्तीपुर में नागपंचमी पर किसी ने गले में बांधा सांप तो किसी ने जीभ में डसवाया, देखिए तस्वीरें

श्री राजपूत   |  26 Jul 2024 07:47 PM (IST)
1

समस्तीपुर जिले के विभूतिपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत सिंघियाघाट में नागपंचमी पर एक ऐसा मेला लगता है जिसे देखकर आप हैरान रह जाएंगे. यहां सांप को देखकर अच्छे-अच्छों की बोलती बंद हो जाती है. महिलाएं नागों का वंश बढ़ने की भी कामना करती है. मन्नत पूरी होने पर नागपंचमी के दिन गहवर में झाप और प्रसाद चढ़ाती हैं. लोगों का कहना है कि यहां मेले की शुरुआत सौ साल पहले हुई थी.

2

मेले में अचानक से इतने सांपों को देखने के बाद मुंह से आवाज नहीं निकलती है. इस मेले में भगत के साथ-साथ बच्चे-युवा से लेकर बूढ़े तक गले में जहरीले सांप इस तरह लपेटे रहते हैं कि मानों सांप इनके दोस्त हों. यहां लोग जहरीले सांप के साथ खेलते हैं. उसे गले में हाथों लपेटकर कई तरह के करतब करते हैं.

3

इसको लेकर महीनों पहले सांपों के पकड़ने का सिलसिला शुरू होता है, जो नागपंचमी के दिन तक चलता है. नागपंचमी पर भगत राम सिंह सहित अन्य भगतों ने माता विषहरी का नाम लेते हुए दर्जनों सांप निकाले. विषैले सांपों को मुंह में पकड़कर घंटों विषहरी माता का नाम लेते हुए करतब दिखाते रहे.

4

यहां पूजा करने व देखने के लिए समस्तीपुर जिले के अलावा खगड़िया, सहरसा, बेगूसराय, मुजफ्फरपुर आदि जिले के भी लोग आते हैं. नागपंचमी पर सैकड़ों की संख्या में भगत अपने हाथ में सांप लिए बूढ़ी गंडक नदी के सिंघियाघाट स्थित पुल घाट पहुंचते हैं.

5

यहां भगत नदी में प्रवेश करने के बाद माता का नाम लेते हुए दर्जनों सांप निकालते हैं. इस दौरान नदी के घाट पर मौजूद भक्त नागराज व विषधर माता के नाम की जयकारा लगाते हैं. सांप लेकर भगत जुलूस के साथ सिंघियाघाट बाजार होते हुए नरहन भ्रमण कर मंदिर पहुंचते हैं. पूजा के बाद सांपों को जंगल में छोड़ दिया जाता है. कई गांव के विषहरी स्थान में बलि पूजा भी होती है.

6

लोगों ने बताया कि ऐसी मान्यता है कि उनकी मांगी गई मुरादें पूर्ण होने पर लोग संबंधित विषहरी स्थान में बलि चढ़ाने पहुंचते हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि यह मेला मिथिला का प्रसिद्ध है.

7

यहां नाग देवता की पूजा की परंपरा सैकड़ों साल से चली आ रही है. यह परंपरा विभूतिपुर में आज भी जीवंत है. यहां मूलत: गहवरों में विषहरा की पूजा होती है.

  • हिंदी न्यूज़
  • फोटो गैलरी
  • बिहार
  • Naag Panchami 2024: समस्तीपुर में नागपंचमी पर किसी ने गले में बांधा सांप तो किसी ने जीभ में डसवाया, देखिए तस्वीरें
About us | Advertisement| Privacy policy
© Copyright@2025.ABP Network Private Limited. All rights reserved.