Bihar Politics: कभी बीजेपी तो कभी आरजेडी से गठबंधन, नीतीश कुमार ने कब-कब अपने फैसलों से चौंकाया?
इसकी वजह ये है कि दिल्ली में जेडीयू की बैठक से ठीक पहले कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं. दअसल, पिछले कुछ दिनों से नीतीश कुमार की नाराज़गी की ख़बरें चल रही हैं. (फाइल फोटो))
दरअसल, इंडिया गठबंधन को एकजुट करने वाले नीतीश कुमार को न तो गठबंधन का संयोजक बनाया गया, न ही पीएम पद का चेहरा घोषित किया गया. अब उनकी पार्टी में टूट की अटकलें आ रही हैं. इन्हीं वजहों से नीतीश कुमार के एक बार फिर पाला बदलने की अटकलें लगाई जा रही हैं. (फाइल फोटो)
नीतीश कुमार ने पिछले 30 साल में कई बार पाला बदला है. कभी लालू का साथ छोड़कर बीजेपी के पास गए तो कभी बीजेपी का साथ छोड़कर लालू के पास आए. यही वजह है कि जब भी नीतीश के पलटने की ख़बर आती है तो ये ज़ोर पक़ड़ लेती है. (फाइल फोटो)
1994 में उन्होंने लालू प्रसाद यादव से अलग होकर अपनी पार्टी बनाई. इसके बाद बीजेपी की मदद से साल 2005 में बिहार में सरकार बनाई और सीएम बने. (फाइल फोटो)
हालांकि साल 2013 में वह बीजेपी से फिर अलग हो गए, तब जब अगले ही वर्ष लोकसभा के चुनाव होने वाले थे. 2015 में उन्होंने लालू की पार्टी आरजेडी और कांग्रेस के साथ मिलकर महागठबंधन बनाया. फिर सरकार बनाई. (फाइल फोटो)
नीतीश कुमार ने दो साल बाद ही कांग्रेस और आरजेडी के साथ बनाए गठबंधन से किनारा कर लिया और फिर एनडीए से जुड़ गए और बीजेपी की मदद से फिर सीएम बने. (फाइल फोटो)
बीजेपी के साथ यह दोस्ती ज्यादा दिन नहीं चली पांच साल के बाद 2022 में उन्होंने आरजेडी-कांग्रेस के साथ गठबंधन कर लिया. (फाइल फोटो)