CT के फाइनल में जडेजा पर मेरा गुस्सा तीन मिनट में ही शांत हो गया था: हार्दिक पांड्या
वेस्टइंडीज के खिलाफ कल पांचवें और आखिरी वनडे मुकाबले में बेखौफ क्रिकेट खेलने का वादा करते हुए हार्दिक पांड्या ने कहा कि पिछले मैच में असफल रहने के बावजूद उन्हें यकीन है कि वह भारत के लिए फिनिशर की भूमिका निभाएंगे.
पिछले मैच में भारत को जब 31 गेंदों में 29 रन की ज़रूरत थी उस वक्त पांड्या (21 गेंद में 20 रन) पवेलियन लौट गए और आखिर में भारत को 11 रन से शिकस्त का सामना करना पड़ा. पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने भी 114 गेंद में 54 रन की बेहद धीमी पारी खेली.
धोनी के साथ साझेदारी के बारे में पूछने पर पांड्या ने कहा कि उन्हें यकीन था कि वे 190 रन के लक्ष्य को हासिल कर लेंगे.
पांड्या ने सबीना पार्क में कहा, “ईमानदारी से कहूं तो धोनी के साथ बातचीत काफी सामान्य थी. हम दोनों के पास जो क्षमता है, उससे हम पारी को आगे बढ़ाना चाहते थे और फिर लक्ष्य हासिल करते. हम 29 गेंद में 31 रन बना लेते लेकिन हम मैच खत्म नहीं कर पाए. मैं टीम के लिए मैच खत्म करने के लिए खुद का समर्थन करता हूं और ये सभी चीजें सीखने का हिस्सा हैं.”
उन्होंने कहा, “आखिरी मुकाबले में हम बिना किसी डर के खेलेंगे. पिछला मैच उन मैचों में से था जब चीजें आपके पक्ष में नहीं होती.”
चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल में रविंद्र जडेजा के साथ गलतफहमी का शिकार होने के बाद रन आउट होने से पहले पांड्या अच्छी बल्लेबाजी कर रहे थे. इस ऑलराउंडर ने कहा कि वह नाराज थे लेकिन इससे उबरने में अधिक समय नहीं लगा.
पांड्या ने कहा, “ईमानदारी से कहूं तो सिर्फ तीन मिनट लगे. यह सिर्फ त्वरित प्रतिक्रिया थी. मुझे तेजी से गुस्सा आ गया और कुछ मिनट बाद मैं ड्रेसिंग रूम में हंस रहा था. मुझे देखकर कुछ और खिलाड़ी भी हंस रहे थे.”
पांड्या ने कहा कि आईपीएल में मुंबई इंडियन्स टीम के अपने साथियों के कारण उन्हें वेस्टइंडीज आने से पहले ही कैरिबियाई परिस्थितियों की जानकारी थी.
उन्होंने बताया, “मैं कई नामों (कीरोन पोलार्ड और लेंडल सिमंस जो वनडे टीम का हिस्सा नहीं हैं) के काफी करीब हूं. सबसे पहले मैंने पोलार्ड को फोन किया. मैंने उनसे पिचों और हालात के बारे में पूछा. वो मेरी मां के बेटे नहीं हैं, लेकिन मेरे भाई जैसे हैं. उनके खिलाफ खेलना अच्छा होगा.”
पांड्या को बड़े छक्के जड़ने के लिए जाना जाता है, लेकिन मैच की स्थिति के अनुसार उन्होंने धैर्यपूर्ण पारियां भी खेली हैं. पांड्या के अनुसार कप्तान विराट कोहली ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में दबाव से निपटने में उनकी काफी मदद की है.
पांड्या ने कहा, “उसने काफी मदद की. मुझे याद है कि जब मैंने इंग्लैंड के खिलाफ 43 गेंद में 40 रन बनाकर मैच खत्म किया तो उस दिन विराट ने मुझे कहा कि अंतराष्ट्रीय क्रिकेट कॉपी-पेस्ट की तरह है और आपको अपने प्रदर्शन को दोहराना होगा. मैं इन सभी चीजों को दिमाग में रखता हूं. खिलाड़ियों पर उसका काफी प्रभाव है.”