टीम इंडिया के लिए खास रहा है चेपॉक का मैदान
करूण नायर के तीहरे शतक के साथ ही चेन्नई के चेपॉक स्टेडियम एक और इतिहास की गवाह बनी. 1916 में बने इस स्टेडियम में कई रिकॉर्ड बने हैं. आइए जानते हैं चेपॉक से जुड़ी कुछ रोचक और अनोखे रिकॉर्डस के बारे में.
इसी मैदान पर साल 2008 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेले गए घरेलू सीरीज में वीरेंद्र सहवाग के बल्ले से भारत के लिए पहला तीहरा शतक निकला था. सहवाग ने मात्र 278 गेंदों में ही 300 रनों का आकड़े को छू लिया था.
प्रथम श्रेणी के प्रतिष्ठित ऐतिहासिक रणजी ट्रॉफी की शुरूआत साल 1934 में चेपॉक स्टेडियम में ही हुई. पहला मैच मद्रास और मैसूर के बीच खेला गया था.
इतना ही नहीं टीम इंडिया ने 24 टेस्ट मैचों के बाद साल 1952 में इंग्लैंड के खिलाफ पहली जीत इसी चेपॉक के मैदान पर दर्ज की थी.
विश्व क्रिकेट के इतिहास में दूसरा टाई टेस्ट मैच चेपॉक के मैदान पर साल 1986 में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला गया था. इससे पहले टेस्ट क्रिकेट का पहला ड्रॉ मैच मैच में ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज के बीच साल 1960 में ब्रिसबेन में खेला गया था.
चेपॉक के मैदान पर ही टीम इंडिया के पूर्व गेंदबाज नरेंद्र हिरवानी ने अपने डेब्यू मैच में ही 8 विकेट चटका कर रिकॉर्ड कायम कर डाला जो आज तक अटूट बना हुआ है.
धोनी ने इसी मैदान पर भारत के लिए बतौर विकेटकीपर बल्लेबाज पहला दोहरा शतक लगाया था.
इंग्लैंड के खिलाफ जारी टेस्ट सीरीज के पांचवे मैच की पहली पारी में टीम इंडिया ने अपनी पारी 7 विकेट पर 759 रन पर घोषित की. टीम इंडिया का यह अब तक का सबसे बड़ा स्कोर है. इससे पहले इस मैदान पर सबसे बड़े स्कोर का रिकॉर्ड इंग्लैंड के नाम था जिन्होंने साल 1985 में भारत के खिलाफ 7 विकेट पर 652 रन बनाकर पारी घोषित की थी.