जूतों का पेड़! कभी देखा है आपने, ये रहीं हैरान करने वाली तस्वीरें
यूरोप और अमेरिका में जूतों को पेड़ पर टांगना फर्टिलिटी से जोड़कर देखा जाता है. लोगों को ये नहीं पता कि असल रिचुअल्स क्या हैं लेकिन वे सेक्स लाइफ ठीक ना होने पर पेड़ पर जूता टांगते हैं.
ये शू ट्री आपको हवाई, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, नीदरलैंड, साउथ अफ्रीका और यूनाइटेड किंगडम में भी आसानी से दिख जाएंगे.
ये भी कहा जाता है जब सेकेंड वर्ल्ड वार हुई थी इसके बाद सैनिकों ने अपने जूते पेड़ों पर इस उम्मीद से टांग दिए थे कि अब लड़ाई खत्म, वे अब आगे की ओर देखेंगे.
नॉर्थ अमेरिका में लोग एक्ट्रा शू पेयर पेड़ पर टांग देते हैं ताकि जरूरतंद इसे पहन सकें.
कई लोग 1995 से बताते हैं कि ये शू ट्री देखा जा रहा है. हालांकि ये कबसे हैं इसकी जानकारी किसी को नहीं है.
इन पेड़ों पर आपको स्नीकर्स, स्लिपर्स, सैंडल, आईस स्केट्स और कई अलग-अलग तरह के फुटवियर दिखेंगे.
ये शू ट्री नॉर्थवेस्ट मिशीगन में आसानी से देखे जा सकते हैं. कहते हैं इसी जगह से जूतों के पेड़ का कल्चर शुरू हुआ था.
कुछ लोगों का मानना है कि जाने से पहले अपनी एक याद के रूप में वे पेड़ पर जूता टांग कर जाते है.
हम बात कर रहे हैं शू ट्री की. आमतौर पर इन्हें कालस्का शू ट्री कहा जाता है.
कई लोग मानते हैं कि मिशीगन में इन ट्रीज की शुरूआत हुई जिसे सीरियल किलर ने शुरू किया. सीरियल किलर ने ये देखने के लिए कि उसने अब तक कितने लोगों की जानें ली हैं तो उसने उन लोगों के जूते पेड़ पर टांग दिए.
हालांकि दुनियाभर में 100 ऐसी जगहें हैं जहां ये शू ट्री देखे जा सकते हैं.
इन शू ट्री के पीछे की कहानी किसी को नहीं पता लोग सिर्फ इसके बारे में अंदाजा लगाते हैं.
कई लोग मानते हैं कि इस पेड़ के होने का मकसद ऐसी चीजों का होना है जो कभी हुई ही नहीं हैं.
नॉर्थन एक्सप्रेस 2005 के एक आर्टिकल के मुताबिक इस शू ट्री को द ग्रेट लिट्सविले शू ट्री के नाम से जाना जाता है.
आपने फूल, फल और सब्जियों के पेड़ तो देखे होंगे लेकिन क्या कभी जूतों का पेड़ देखा है. जी हां, दुनिया में एक जगह ऐसी भी है जहां जूतों के पेड़ आसानी से देखे जा सकते हैं.