World Asthma Day: अस्थमा को लेकर भारत में चौकाने वाले आंकड़े, देखें और समझें
इस मामले पर एसआरएल डायग्नॉस्टिक्स के मेंटर (क्लिनिकल पैथोलॉजी) डॉ. अविनाश फड़के का कहना है कि बच्चों में अस्थमा के 90 फीसदी और व्यस्कों में 50 फीसदी मामलों का कारण एलर्जिक रिएक्शन होता है.
एक विश्लेषण के मुताबिक धूल में छिपे कण एलर्जिक अस्थमा का सबसे आम कारण पाए गए हैं.
30 साल से कम आयु वर्ग के युवाओं में एलर्जन रिएक्टिविटी ज्यादा है. एलर्जी के 60 फीसदी से अधिक मामलों का कारण कॉकरोच है.
इससे बचाव के लिए यह जरूरी है कि लोग एलर्जी का कारण जानें और इनसे अपने आप को बचाए.
यह विश्लेषण 2013 से 2017 के दौरान 5 साल की अवधि में किए परीक्षणों पर आधारित है, जिसमें 63000 से ज्यादा मरीजों में एलर्जी की जांच के लिए ब्लड आईजीई लेवल की जांच की गई.
भारत में धूल रेस्पिरेटरी एलर्जी का सबसे बड़ा कारण है और देश में महिलाओं की तुलना में एलर्जी से पीड़ित पुरुषों की संख्या अधिक है.