IN PICS: उफनती हुई सावित्री नदी का कहर देख आप भी सन्न रह जाएंगे!
उफनती हुई सावित्री नदी मंगलवार रात अपने साथ पुल बहा ले गई. ये पुल जब सावित्री नदी की गोद में समाया उस वक्त इस पर दो सरकारी बसें और कुछ गाड़ियां थीं. 22 लोग अभी लापता हैं और उनकी तलाश जारी है. आगे की स्लाइड्स में जानिए मौत के इस पुल की खतरनाक कहानी.
100 साल पुराना एक पुल बह गया जिस पर गाड़ियां आना-जाना कर रही थीं सवाल ये उठता है कि क्या पुल एकदम सही हालत में था. इस सवाल का जवाब ये है कि नेशनल हाइवे अथॉरिटी ने दो महीने पहले मई में पुल का मुआयना किया था और पुल के सुरक्षित होने की मुहर लगाई थी. अगर पुल पूरी तरह सुरक्षित था तो दो महीने के भीतर ऐसा क्या हुआ कि पुल का नामोनिशान तक नहीं बचा.
हादसे के पीछे बारिश को जिम्मेदार माना जा रहा है पिछले 24 घंटे में महाबलेश्वर इलाके में 212 मिलीमीटर बारिश हुई जिसकी वजह सावित्री नदी में बाढ़ आ गई. ये नदी महाबलेश्वर से शुरू होती है. लापता लोगों को बचाने के लिए आसमान से लेकर जमीन तक बचाव कार्य किया जा रहा है 2 हेलिकॉप्टर और 12 नावें मिलकर खराब मौसम और उफनती सावित्री नदी में जिंदगियां ढूंढ रहे हैं. बचाव के लिए कोस्टगार्ड, नेवी और एनडीआरएफ ने पूरी ताकत झोंक दी है. पूरे हालात का जायजान खुद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हेलिकॉप्टर से लिया.
महाड मुंबई से करीब 200 किलोमीटर दूर है यहां दो पुल थे. नए पुल का मुंबई से गोवा के लिए इस्तेमाल होता था और पुराने पुल का गोवा से मुंबई आने के लिए. हादसा गोवा से मुंबई आने वाले पुराने पुल पर हुआ. मंगलवार रात तेज बारिश हो रही थी. रात के करीब 12 बज रहे थे. उस वक्त पुल पर दो सरकारी बसें और कुछ निजी गाड़ियां थी. जो पुल के साथ बह गईं.
मौत के पुल की ये कहानी महाराष्ट्र के रायगढ़ में मुंबई गोवा हाईवे की है. इस तस्वीर में आपको एक पुल टूटा हुआ और दूसरा सलामत दिख रहा होगा. 24 घंटे पहले ठीक ऐसा ही पुल यहां सही सलामत खड़ा था और उस पर गाड़ियां भी दौड़ रही थीं लेकिन अब पुल धराशायी हो चुका है और हादसे का शिकार हुए लोगों की तलाश में जुटी है महाराष्ट्र की फडनवीस सरकार.