भारत में तनाव का स्तर बढ़ा: रिसर्च
सबसे अधिक गिरावट शारीरिक क्षेत्र में देखने को मिली, जो वजन और पोषण प्रबंधन में परिलक्षित हुई. फिर उसके बाद नींद-संबंधी परिवर्तनों का स्थान रहा. (तस्वीर: गूगल फ्री इमेज)
रिसर्च के परिणामों के मुताबिक, भारत लगातार चौथे साल संपूर्ण वैश्विक स्वास्थ्य सूचकांक में सबसे ऊपर रहा. इस साल भारत में शारीरिक, सामाजिक और पारिवारिक स्वास्थ्य में हल्की-सी गिरावट देखने को मिली, जबकि कार्य और वित्तीय स्वास्थ्य के प्रति भागीदारों की प्रवृत्ति आशावादी रही. (तस्वीर: गूगल फ्री इमेज)
सबसे अधिक गिरावट शारीरिक क्षेत्र में देखने को मिली, जो वजन और पोषण प्रबंधन में परिलक्षित हुई. फिर उसके बाद नींद-संबंधी परिवर्तनों का स्थान रहा. (तस्वीर: गूगल फ्री इमेज)
रिसर्च के परिणामों के मुताबिक, भारत लगातार चौथे साल संपूर्ण वैश्विक स्वास्थ्य सूचकांक में सबसे ऊपर रहा. इस साल भारत में शारीरिक, सामाजिक और पारिवारिक स्वास्थ्य में हल्की-सी गिरावट देखने को मिली, जबकि कार्य और वित्तीय स्वास्थ्य के प्रति भागीदारों की प्रवृत्ति आशावादी रही. (तस्वीर: गूगल फ्री इमेज)
यह सर्वे अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस, चीन, ब्राजील और इंडोनेशिया सहित 23 देशों में किया गया और इसमें 14,467 ऑनलाइन इंटरव्यू लिए गए. (तस्वीर: गूगल फ्री इमेज)
सिग्ना टीटीके हेल्थ इंश्योरेंस ने सोमवार को अपने सिग्ना '360डिग्री वेल-बीइंग सर्वेक्षण-फ्यूचर एश्योर्ड' की एक रिपोर्ट जारी की है. सिग्ना टीटीके हेल्थ इंश्योरेंस अमेरिका स्थित वैश्विक स्वास्थ्य सेवा कंपनी, सिग्ना कॉर्पोरेशन और भारतीय समूह, टीटीके ग्रुप का संयुक्त वेंचर है. (तस्वीर: गूगल फ्री इमेज)
विकसित और कई उभरते देशों की तुलना में भारत में तनाव का स्तर अधिक है. भारत की लगभग 89 फीसदी आबादी का कहना है कि वे 86 फीसदी के वैश्विक स्तर की तुलना में तनाव से अधिक पीड़ित हैं. इसके अलावा आठ में से एक व्यक्ति को तनाव से निपटने में गंभीर रूप से दिक्कत का सामना करना पड़ता है. (तस्वीर: गूगल फ्री इमेज)
ये रिसर्च के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले लें.