नहीं रहे निरंकारी बाबा हरदेव सिंह, जानें उनके बारे में बड़ी बातें
1929 में संत निरंकारी मिशन की स्थापना हुई थी.
सिक्खों के दसवें गुरू, गुरू गोविंद सिंह ने अपने बाद गुरू ग्रंथ साहिब को ही गुरू बना दिया. सिक्ख परंपरा के मुताबिक उनके बाद कोई गुरू नहीं हो सकता. जबकी निरंकारी जीवित गुरूओं में आस्था रखते हैं. 1978 में बाबा गुरबचन सिंह निरंकारियों के प्रमुख थे. बैसाखी के दिन हूई झड़प के बाद 24 अप्रैल 1980 को बाबा गुरबचन सिंह की हत्या कर दी गई. इस हत्या के लिए नामजद ज्यादातर लोगों का ताल्लुक जरनैल सिंह भिंडरांवाले से था.
बाबा हरदेव सिंह 1980 में पिता की हत्या के बाद निरंकारी मिशन के प्रमुख बनाए गए थे.
1971 में बाबा हरदेव सिंह निरंकारी सेवा दल से जुड़े थे.
निरंकारी संप्रदाय के प्रमुख और धार्मिक गुरु बाबा हरदेव सिंह का निधन हो गया है. कनाडा में हुए एक सड़क हादसे में हरदेव सिंह को गंभीर चोटें आईं और उन्होंने दम तोड़ दिया. आईए जानें, उनकी जिंदगी से जुड़ी कुछ जरूरी बातें.
23 फरवरी 1954 में बाबा हरदेव का जन्म दिल्ली में हुआ था.
बाबा हरदेव सिंह 1980 में पिता की हत्या के बाद निरंकारी मिशन के प्रमुख बनाए गए और अपने निधन तक वे इस ओहदे पर रहे. हरदेव सिंह बाबा गुरबचन सिंह के इकलौते बेटे थे.